डिंडोरी जिला के जनपद पंचायत करंजिया अंतर्गत परसेल का मामला - YES NEWS

डिंडोरी जिला के जनपद पंचायत करंजिया अंतर्गत परसेल का मामला

0Shares

डिंडोरी जिला के जनपद पंचायत करंजिया अंतर्गत परसेल का मामला
खौफ के साए में नौनिहाल! जर्जर भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर
यस न्यूज रिपोर्टर संजय बांधव :-
डिंडोरी के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. समय-समय पर ऐसी तस्वीरें भी सामने आती हैं, जिसे देखकर लगता है कि ऐसी हालत नौनिहाल आखिर गुणवत्तापरक शिक्षा कैसे हासिल कर पाएंगे. कुछ ऐसा ही हाल है परसेल के एक नवीन माध्यमिक विद्यालय का.
एक ओर जहां स्कूली शिक्षा और सुविधा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और घोषणाएं की जाती हैं. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए
डिंडोरी जिला का एक ऐसा प्नवीन माध्यमिक विद्यालय परसेल जहां आज भी बच्चे जर्जर भवन के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. स्थिति ऐसी विकट है कि भवन की छत टूटकर नीचे फर्श पर गिर रही है. इसके बावजूद छोटे-छोटे बच्चे इसी छत के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.
ये मामला डिंडोरी जिला के जनपद पंचायत करंजिया के अंतर्गत परसेल के नवीन माध्यमिक विद्यालय का है. इस विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. इस विद्यालय की बात करें तो कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं, जिनकी संख्या को करीब 54 है. जर्जर भवन के कारण शिक्षक संग बच्चों को हमेशा डर बना रहता है कि कब उनके ऊपर छत का टुकड़ा आकर गिर जाएगा.
इंजीनियर श्रीमान गिरवर सिंह डहरिया के अवलोकन निरीक्षण निर्देशानुसार नवीन माध्यमिक साला भवन गिराने का निर्णय लेते हुए प्रस्तावित किया गया है एवम नवीन भवन की स्वीकृत कराने का प्रस्ताव पारित किया गया है शिक्षक के द्वारा बताया गया है की बच्चो को पढ़ाने के लिए सासन प्रशासन से भवन का मांग किया गया है भवन नवनिर्माण की भी मांग किया गया है जल्द से जल्द जर्जर भवन को गिरा कर नवनिर्माण की जाए
जिससे यहां बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.
ऐसे पढ़ेंगे तो कैसे बढ़ेंगे नौनिहाल, जहां जर्जर भवन में होता है संचालन डर का साया हमेशा बना रहता है
हाल-ए-स्कूलः डर के साये में भविष्य गढ़ते नौनिहाल!
परिस्थितियां चाहे जो भी हो, इरादों काफी मजबूत हैं. तपती धूप हो या बारिश, मन में एक ही लगन है कि स्कूल चलें हम. लेकिन क्या प्रशासन इन बच्चों को बुनियादी सुविधाएं देने की इच्छाशक्ति रखता है, जितनी इच्छाशक्ति इन बच्चों में पढ़ाई को लेकर है.
पूरी कहानी पढ़िए,
यस न्यूज संजय बांधव की खास रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *