पोरसा। रवि सिंह तोमर की कलम से।
भारत में संविधान लागू होने के दिन, जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं, इस विशेष दिन की महिमा को कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से और भी गहरा कर दिया। गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर, श्रीनागाजी साहित्य एवं कला परिषद, पोरसा द्वारा एम आर गार्डन पोरसा में एक भव्य कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कवियों ने अपनी कविता पाठ के माध्यम से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता के महत्व को उपस्थित जनों के बीच साझा किया।
कविता के रंग में रंगे गणतंत्र के विचार:
इस कवि गोष्ठी में कवियों ने गणतंत्र दिवस के महत्व को अपनी रचनाओं के जरिए बताया। बीरेन्द्र फौजी अलबेला ने अपनी कविता में वतन परस्ती का रंग बिखेरा, और राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा को साझा किया। वहीं, राजीव पाठक इटावा ने देश की सरहदों पर वीरता को दर्शाते हुए वीर रस से भरी कविताएं सुनाई, जो हर श्रोता के ह्रदय में देश प्रेम की भावना जागृत करने वाली थीं।
प्रेम की ताकत को उजागर करती कविताएं:
राजेश सिंह तोमर दोषी ने श्रृंगार रस में डूबे हुए अपने कविता पाठ से उपस्थित श्रोताओं को प्रेम की शक्ति का अहसास कराया। उन्होंने कहा, “दुनिया में कोई ऐसा हथियार नहीं बना जिससे आप किसी को जीत सकें, केवल और केवल प्रेम ही एक ऐसा हथियार है जिससे आप इंसान तो क्या भगवान को भी जीत लेंगे।” इस विचार ने गणतंत्र के मूल विचार “जनता की शक्ति” को भी स्पष्ट किया।
समाज सुधार पर कवियों की गहरी सोच:
हरिओम गुप्ता ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और असमानताओं पर अपनी कविता के माध्यम से प्रकाश डाला। उनके शब्दों ने लोगों को समाज सुधार की दिशा में कदम बढ़ाने की प्रेरणा दी।
बुजुर्गों की बिगड़ती स्थिति पर कविता:
कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुरेन्द्र सिंह तोमर ने समाज में बुजुर्गों की बिगड़ती स्थिति पर एक भावुक कविता प्रस्तुत की, जो सभी उपस्थित जनों को बुजुर्गों के सम्मान और उनकी देखभाल के महत्व के बारे में सोचने पर मजबूर कर गई।
नर नारी एक समान, राष्ट्र प्रेम की कविताओं से किया अभिभूत:
इस कवि गोष्ठी में महेंद्र सिंह चौहान, एस बी गौरी, केशव सिंह तोमर, बृजेंद्र सिंह तोमर, और अमरजीत सिंह जैसे प्रमुख कवियों ने भी राष्ट्र प्रेम और गणतंत्र के महत्व को अपने काव्य पाठ के माध्यम से बताया। इन कवियों ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम और गणतंत्र के सिद्धांतों को कविता के रूप में प्रस्तुत किया, जो सभी श्रोताओं के दिलों में देश प्रेम और एकता की भावना का संचार कर गए।
इस काव्य गोष्ठी में साहित्य प्रेमी और गणतंत्र के महत्व को समझने के लिए बड़ी संख्या में श्रोता भी उपस्थित थे। कार्यक्रम ने गणतंत्र दिवस के महत्व को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया और सभी को एकजुट होकर समाज और राष्ट्र की सेवा करने की प्रेरणा दी।