आप जानते है पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिवर्ष पौधेरोपण और पेड़-पौधे को बचाने का काम किया जाता हैं लेकिन आज भी लोग हैं बेवजह बड़े वृक्ष को भी काटने से पीछे नहीं हट रहे हैं। एक पौधे को पेड़ में तीस वर्ष लगता है। गांव के सरपंच द्वारा बिना अनुमति लिए ही दर्जन भर लिपटिस के पेड़ों की कटाई करा दी गई है। यहां तक पेड़ काटने से पहले ही लकड़ी के सौदागर सौदा भी कर दिया, ऐसे ही कुछ मामला है यहां का देखिए रिपोर्ट।
यस न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट उमरिया
उमरिया – जिले के ग्राम पंचायत दुग्वार किनारे बड़ी संख्या में लिपटिस पेड़ हैं। पंचायत के बाउंड्रीवाल के अन्दर लगे दर्जन से ज्यादा बड़े-बड़े नीलगिरी के पेड़ों को काटकर गिरा दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच सत्या महरा और सचिव नत्तू लाल रजक पैकरा ग्राम में मनमानी कर रहे हैं, अपने फायदे के लिए पेड़ों की कटाई करा रहे हैं। सरपंच ने बिना अनुमति लिए बाउंड्रीवाल के अन्दर लगे कई साल पुराने नीलगिरी के दर्जनों पेड़ों को कटवा दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ सरपंच सचिव बिना किसी प्रस्ताव और बिना विभागीय अनुमती लिए और चोरी चुपके अवैध रूप से पेड़ो की अंधाधुंध कटाई करवा दिया गया।
सरपंच पति अपने मनमानी रवैया और पर्सनल लालसा के चलते लोगों को भनक नहीं लगने दिया।
जबकी इन सब मुद्दों को लेकर सरपंच पति से बात किया गया तो पहले मर्तबा फोन उठाकर जानकारी दी सचिव साहब के पास है अनुमती इस बारे में पंचायत सचिव से बात करने पर साफ तौर पर बताया गया पेड़ काटने को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं और न मेरे पास अनुमति की कागज है।
दुबारा जानकारी के लिए नाथूलाल रजक और सरपंच पति से बात करने की कोशिश की गई तो कॉल रिसीव करना बंद कर दिया।
महिला सरपंच सत्या महरा होने के बावजूद सरपंच पति आखिर कैसे अवैध रूप से दर्जनों लिपटिस के पेड़ कटवा दिया।
कई ग्रामवाशी पंचों ने विरोध किया ग्राम रोजगार सहायक यहां तक वहां उपस्थिति चौकीदार को भी पेड़ काटने की अनुमति और प्रस्ताव के बारे में कोई जानकारी नहीं ।
बड़ा सवाल
सरपंच पति क्यों अपने लालसा के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करवा दिया और आखिर कैसे बिना प्रस्ताव के कटवाया जा सकता है पेड़ों को
कैसे नहीं जानकारी हुआ पंच उपसरपंच और यहां तक पटवारी को
पद पर बैठे सचिव नाथूलाल रजक आखिर क्यों खुद प्रशासनिक पद पर अशीन रहते हुऐ अवैध कार्य को बढ़ावा दिया।
सचिव होते हुए आखिर पेड़ काटते देख, खामोश बैठना उचित था या अवैध काम में सचिव का भी भागीदारी रहा।
अब देखना ए है इस खबर के बाद प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही करता है