गोदवाल मेला में अंधेरे में डूबा उत्सव,
प्रशासनिक लापरवाही से श्रद्धालुओं को हो रही परेशानियां
शहडोल – विनय द्विवेदी
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोदवाल धाम में कई वर्षों से आयोजित हो रहे सात दिवसीय मेला श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस मेले में प्रतिदिन कई सैकड़ों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस भव्य मेला में एक बड़ी समस्या सामने आ रही है – प्रशासनिक लापरवाही के कारण मेले के दौरान अंधेरा छाया हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी हो रही है।
आकर्षण का केंद्र गोदवाल धाम
गोदवाल मेला, जो कि ब्यौहारी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 30 से 40 किलोमीटर के क्षेत्र में सबसे बड़ा मेला माना जाता है, यहां श्रद्धालु दूर-दूर से व्यापार, कलाकृतियां और नई वस्तुएं देखने के लिए पहुंचते हैं। जबलपुर, कटनी, सीधी जैसे शहरों और गांवों से व्यापारी भी इस मेले में अपने सामान को प्रस्तुत करने आते हैं। हालांकि, मेले में दिन के समय तो श्रद्धालु अच्छे से आनंद लेते हैं, लेकिन शाम होते ही अंधेरे का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यहां लाइट की उचित व्यवस्था नहीं की गई है।
शाम ढलते ही अंधेरा कायम
यहां पर शाम के समय भारी भीड़ और अंधेरे के कारण श्रद्धालुओं को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अंधेरे में किसी भी अप्रिय घटना की संभावना से लोग चिंतित हैं। इस समस्या के बावजूद, प्रशासन ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे मेले के आयोजन में आई सुविधाओं की कमी स्पष्ट हो रही है।
लाइट की नहीं उचित व्यवस्था
मेले में रात के समय व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए लाइट की उचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालु आसानी से पूजा-अर्चना कर सकें और व्यापारियों को भी किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने इस प्रशासनिक लापरवाही पर चिंता जताई है और प्रशासन से शीघ्र सुधार की मांग की है।
यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह स्थिति आने वाले समय में श्रद्धालुओं के लिए बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।