मुरैना, 17 जनवरी, 2025:
हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पदमेश उपाध्याय और सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र सिंह तोमर के मार्गदर्शन में गुरुवार को डिप्टी मीडिया ऑफिसर श्रीमती रामलली माहौर ने लोगों को हेपेटाइटिस के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर बताया गया कि हेपेटाइटिस एक खतरनाक वायरल संक्रमण है, जो लीवर की गंभीर बीमारी का कारण बनता है और इसे सही समय पर पहचानना तथा उपचार कराना बेहद जरूरी है।
हेपेटाइटिस पांच प्रकार के वायरस – A, B, C, D, और E – के कारण होता है, जिनमें से बी और सी वायरस अत्यधिक खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि ये लीवर सिरोसिस और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
हेपेटाइटिस के लक्षण:
हेपेटाइटिस के प्रारंभिक लक्षणों में पीलिया, अत्यधिक थकान, जी मिचलाना, पेट में दर्द, सूजन, खुजली, भूख में कमी, और अचानक से वजन कम होना शामिल हैं। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक है।
हेपेटाइटिस बी और सी से बचाव के उपाय:
हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमित रक्त के ट्रांसफ्यूजन और असुरक्षित शारीरिक संबंधों के कारण फैलता है।
हेपेटाइटिस सी वायरस प्रदूषित खाना और पानी से फैल सकता है।
बच्चों को जन्म के बाद वैक्सीनेशन के जरिए हेपेटाइटिस से बचाया जा सकता है।
हेपेटाइटिस बी और सी की रोकथाम के लिए संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में शासकीय संस्थाओं द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला चिकित्सालय मुरैना में निःशुल्क जांच और उपचार: आर.एम.ओ डॉ. डी.एस यादव ने मुरैना जिले के निवासियों से अपील की है कि यदि उन्हें ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होते हैं, तो वे बिना किसी हिचकिचाहट के जिला चिकित्सालय मुरैना में जाकर निःशुल्क जांच और उपचार करवा सकते हैं। समय रहते इलाज कराने से हेपेटाइटिस की गंभीरता को कम किया जा सकता है और इस बीमारी से बचाव संभव है।
उपचार के साथ-साथ सरकार द्वारा लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि हेपेटाइटिस की महामारी से बचा जा सके और इसके प्रभाव को कम किया जा सके।