भोपाल, 10 जनवरी 2025: मध्य प्रदेश शासन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया है, जिसमें राज्य के सभी कलेक्टरों को सूचित किया गया है कि आधार कार्ड अब पहचान दस्तावेज के रूप में ही मान्य होगा, जबकि यह आयु प्रमाणन के लिए वैध नहीं होगा। यह आदेश माननीय उच्च न्यायालय, मध्य प्रदेश, जबलपुर के 8 नवंबर 2024 के फैसले के संदर्भ में जारी किया गया है।
इस निर्णय में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आधार कार्ड आयु प्रमाणन के लिए एक उपयुक्त दस्तावेज नहीं है, और इसका उपयोग केवल पहचान के दस्तावेज के रूप में किया जा सकता है। न्यायालय ने यह फैसला सुनाते हुए यह भी उल्लेख किया कि आधार कार्ड का उद्देश्य नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करना है, न कि आयु प्रमाणन करना।
इस निर्णय के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने इसे लागू करते हुए एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया है कि आधार कार्ड केवल पहचान के दस्तावेज के रूप में काम करेगा, और आयु प्रमाणन के लिए अन्य वैध दस्तावेजों का उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह आदेश सभी कलेक्टरों, जिला अधिकारियों और संबंधित विभागों को भेज दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आदेश का सही तरीके से पालन किया जाए।
इस आदेश में मुख्य बिंदु हैं:
1. आधार कार्ड की कानूनी वैधता: उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि आधार कार्ड को पहचान के दस्तावेज के रूप में ही माना जाएगा, जबकि यह आयु प्रमाणन हेतु उपयोग नहीं किया जा सकता।
2. आयु प्रमाणन के लिए वैध दस्तावेज: अब आयु प्रमाणन के लिए अन्य दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र या अन्य सरकारी दस्तावेजों का उपयोग किया जाएगा।
3. आदेश का अनुपालन: मध्य प्रदेश शासन ने सभी कलेक्टरों को यह आदेश जारी किया है कि वे इस निर्णय के अनुपालन में आवश्यक कार्रवाई करें और सुनिश्चित करें कि आधार कार्ड का उपयोग केवल पहचान के दस्तावेज के रूप में किया जाए।
4. विभिन्न विभागों को निर्देश: आदेश की एक प्रतिलिपि मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) और अन्य संबंधित विभागों को भी भेजी गई है ताकि इस बदलाव को लागू करने में सहयोग मिल सके।
यह निर्णय राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों की पहचान की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं में लाभार्थियों की सही पहचान हो और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
न्यायालय का यह आदेश सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लिए एक नई दिशा तय करता है, जहां आधार कार्ड को केवल एक पहचान प्रमाण के रूप में देखा जाएगा, और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से अन्य आवश्यक जानकारी जैसे आयु प्रमाणन को प्राप्त किया जाएगा।