मुरैना/अंबाह : महेंद्र सखवार की रिपोर्ट….!
शासकीय प्राथमिक विद्यालय विचोला के तीन शिक्षकों द्वारा बच्चों की पढ़ाई में लापरवाही और अभिभावक को धमकाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक पिता ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद पाया कि कोई भी शिक्षक समय पर स्कूल में नहीं आया और बच्चे मैदान में खेल रहे थे, तो उन्होंने शिक्षकों से इसका विरोध किया। इसके बाद शिक्षकों ने न सिर्फ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, बल्कि उन्हें धमकी भी दी कि “तुम हमारा क्या कर लोगे, ये स्कूल तुम्हारे बाप का नहीं है।”
अभिभावक की दया पर बच्चों की पढ़ाई!
जयसिंह, जो स्वयं गाँव के निवासी हैं, ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल छोड़ा, लेकिन बाद में देखा कि कोई भी शिक्षक नहीं था। बच्चे खुले मैदान में खेल रहे थे, और पढ़ाई से दूर थे। उन्होंने शिक्षकों से इसका कारण पूछा, तो उन्हें न केवल गाली-गलौच का सामना करना पड़ा, बल्कि शिक्षकों ने यह भी कह दिया कि “हम स्कूल में ऐसे ही आएंगे, तुम्हारा क्या होगा।” जयसिंह के अनुसार, यह स्थिति बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य के लिए खतरनाक है।
गृह मंत्रालय और हेल्पलाइन पर भी की शिकायत!
जयसिंह ने जब देखा कि स्कूल में लगातार लापरवाही बरती जा रही है, तो उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत की। इसके बाद, उन्हें शिक्षकों से खुली धमकी मिली कि अगर उन्होंने अपनी शिकायत वापस नहीं ली, तो उन्हें जान से खत्म कर दिया जाएगा और झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। जयसिंह के पास इस धमकी का वीडियो भी है, जिससे वह डर और परेशान हो गए हैं।
शिक्षकों की मनमानी पर अब पुलिस की नजर!
जयसिंह ने इस पूरे मामले को लेकर थाना प्रभारी अंबाह से शिकायत की है, जिसमें उन्होंने तीन शिक्षकों – धनजंय गुर्जर, राजकुमार ओझा और हिमांशु श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इन शिक्षकों के कारण न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उनके खिलाफ दी गई धमकियों से उनकी जान को भी खतरा है। उन्होंने अधिकारियों से इन शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है और निलंबन की मांग की है, ताकि बच्चों की शिक्षा को सुरक्षित किया जा सके।
मामले में उठे कई सवाल:
यह मामला एक ओर सवाल खड़ा करता है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक की जिम्मेदारी पर गंभीरता से विचार करना कितना जरूरी है। क्या सरकारी शिक्षकों की मनमानी की वजह से बच्चों का भविष्य खतरे में नहीं आ सकता? क्या इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी? यह सवाल अब मुरैना जिले के अभिभावकों के मन में उठ रहे हैं, और हर किसी की नजर अब इस मामले पर टिकी हुई है।
अब देखना यह है कि थाना प्रभारी और जिला शिक्षा अधिकारी इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और शिक्षकों के खिलाफ कब तक सख्त कदम उठाया जाएगा।