साइबर ठगी से बचने के लिए नई चेतावनी: APK फाइल से हो सकता है आपका मोबाइल हैक!
नई सर्दी में बढ़ते खतरे के संकेत: व्हाट्सएप पर सायबर ठगों का हमला
नव वर्ष के आगमन के साथ ही विभिन्न त्योहारों और कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लोग व्हाट्सएप जैसे ऐप्स के माध्यम से एक-दूसरे को शुभकामनाएँ भेज रहे हैं, लेकिन यही आसान तरीका सायबर ठगों के लिए अवसर बन गया है। ठग अब अंजान APK फाइल्स भेजकर लोगों के फोन हैक कर रहे हैं, और इसके परिणामस्वरूप उनका निजी डेटा तक पहुँच बना रहे हैं।
कैसे काम करती है यह सायबर ठगी?
साइबर अपराधी किसी अज्ञात नंबर से या पहले से हैक किए गए फोन से APK फाइल्स व्हाट्सएप या अन्य मैसेंजर ऐप्स के जरिए भेजते हैं। जैसे ही उपयोगकर्ता इस फाइल को डाउनलोड करता है, एक एप्लीकेशन इंस्टॉल हो जाती है, जिससे अपराधी के पास आपके फोन तक पहुंच होती है। यदि आपके व्हाट्सएप की मीडिया ऑटो डाउनलोड सेटिंग ऑन है, तो ये फाइलें बिना आपके किसी भी इशारे के डाउनलोड हो जाती हैं, और आपका फोन हैक हो जाता है। इसके बाद ठग आपके निजी डेटा जैसे फोटो, वीडियो और संदेशों तक पहुँच सकते हैं, और इन्हें ब्लैकमेल करने या परिचितों से पैसे मांगने में उपयोग कर सकते हैं।
क्या करें, और क्या न करें?
1. APK फाइल्स से रहें दूर: किसी भी अनजान नंबर से भेजी गई APK फाइल पर कभी भी क्लिक न करें। एप्लीकेशन इंस्टॉल करने के लिए केवल गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर जैसे आधिकारिक स्रोतों का ही इस्तेमाल करें।
2. सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू करें: अपने व्हाट्सएप और अन्य ऐप्स में टू-स्टेप वेरिफिकेशन को सक्षम करें ताकि अकाउंट सुरक्षित रहे।
3. मीडिया ऑटो डाउनलोड सेटिंग को करें बंद: व्हाट्सएप पर मीडिया ऑटो डाउनलोड सेटिंग को ‘नहीं’ पर रखें ताकि अंजान फाइलें अपने आप डाउनलोड न हो सकें।
4. साइबर अपराध की शिकायत करें: यदि आपको भी सायबर ठगी का शिकार या किसी अन्य सायबर अपराध का सामना होता है, तो तुरंत अपनी नजदीकी पुलिस थाने में या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएँ। साथ ही साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
याद रखें, सावधानी ही बचाव है। इस नव वर्ष में अपने और अपने प्रियजनों के मोबाइल को सायबर अपराधियों से बचाने के लिए इन कदमों को अपनाएं।