महाकाल मानव सेवा समिति और माथुर वैश्य इंटरनेशनल क्लब ने सर्दी में जरूरतमंदों को दिया सहारा
पोरसा नगर में ठंड से बचाव के लिए समाज सेवियों ने उठाया अहम कदम
पोरसा (विनय मेहरा की कलम से…!)
पोरसा नगर में कड़ाके की सर्दी के बीच महाकाल मानव सेवा समिति और माथुर वैश्व इंटरनेशनल क्लब के सदस्यों ने मानवता की मिसाल पेश की। इन समाज सेवियों ने नगर के विभिन्न स्थानों पर अलाव जलाकर ठंड से जूझ रहे लोगों और गायों को राहत प्रदान की।
संस्थाओं और समाज सेवियों का समर्पण:
समिति के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष महेश पगोरिया, सचिव नरेंद्र राठौर, महेंद्र वाल्मीकि, राजकुमार वाल्मीकि, सोनू सिंघल, जिनेंद्र जैन और उनकी समस्त टीम ने इस कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही, समाज की महिलाएं श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता, सुमन गुप्ता, राखी गुप्ता, सीमा गुप्ता और अनुराधा जैन भी इस सेवा कार्य में शामिल रही।
ठंड में राहत पहुंचाने का कार्य:
समिति और क्लब के सदस्य 20 से अधिक स्थानों पर अलाव जलाने के लिए गए, ताकि सर्दी से राहत मिल सके। इस कार्य की शुरुआत मुक्तिधाम से हुई, और इसके बाद जोटई चौराहा, अग्रसेन चौराहा, बरगद चौराहा, थाना परिसर, सब्जी मंडी, साधू सिंह चौराहा, खंडा रोड आदि स्थानों पर भी अलाव जलाए गए।
बता दे कि आठ क्विंटल सूखी लकड़ी खरीदने के लिए 5600 रुपये की राशि खर्च की गई, जिससे इन अलावों को जलाने के लिए आवश्यक सामग्री जुटाई गई।
गायों को भी मिली गर्मी:
समिति ने 50 से 70 गायों को कंबल बांध कर उन्हें ठंड से बचाया। यह पहल भी स्थानीय लोगों के लिए एक सशक्त संदेश दे रही थी कि हम अपने चार-पैरों वाले साथियों को भी गर्मी और सुरक्षा देने के लिए जिम्मेदार हैं।
प्रेरणा का स्रोत और भविष्य की योजना:
समिति और क्लब के सदस्य बताते हैं कि पोरसा नगर में ठंड को महसूस करने के बाद, वे महाकाल से निवेदन करते हुए यह सेवा कार्य शुरू करने का संकल्प लिया। इससे उन्हें सुकून मिला कि उन्होंने इस ठंड में मानवता की सेवा की।
आगामी दिनों में, दोनों संस्थाएं इस प्रकार के कार्य को जारी रखेंगे। वे हर 7 दिनों में और अधिक जगहों पर अलाव जलाकर लोगों को राहत देंगे। उनका उद्देश्य यह है कि वे जरूरतमंदों को सुकून दें और समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाएं।
संस्था का उद्देश्य:
समिति और क्लब का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है, और वे मानते हैं कि “कर्म ही धर्म है धर्म ही सेवा है सेवा ही ईश्वर है”। उनका यह प्रयास जारी रहेगा, ताकि वे लोगों की मदद कर सकें और उन्हें सर्दी से बचाकर एक सुकून भरी जिंदगी जीने में मदद कर सकें।