मुरैना जिले में रोड लाइट्स का कर्फ्यू: सर्दी और कोहरे में सुरक्षा का सवाल, प्रशासन पर दबाव बढ़ा - YES NEWS

मुरैना जिले में रोड लाइट्स का कर्फ्यू: सर्दी और कोहरे में सुरक्षा का सवाल, प्रशासन पर दबाव बढ़ा

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मुरैना। यस न्यूज डेस्क ..!


मुरैना जिले के कई गाँवों में सर्दी और कोहरे के मौसम में सड़क लाइटों का न होना एक गंभीर संकट बन गया है। मुरैना से पोरसा में मुख्य मार्ग में लाइटें लगाई गई है। पोरसा, सेतरा अहीर, थरा, पाय का पुरा, दिमनी, खेरा और रानपुर जैसे प्रमुख गाँवों की सड़कों पर वर्षों से लगी लाइटें खराब पड़ी हैं, जिससे स्थानीय निवासियों की सुरक्षा पर संकट मंडरा रहा है। इन अंधेरे मार्गों पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है, खासकर जब कोहरा बढ़ता है और दृश्यता कम हो जाती है।

यहां तक कि पूर्व विधायक कमलेश जाटव के कार्यकाल में लगाई गई इन लाइटों का अब कोई ध्यान नहीं रखा गया। उनका शासनकाल केवल इन लाइटों की स्थापना तक सीमित रहा, लेकिन इनकी मरम्मत और रखरखाव की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।



सोनपाल खटीक ने उठाया बड़ा सवाल, प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग”



इस गंभीर मुद्दे को अब सोनपाल खटीक, जो मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के मुरैना जिला अध्यक्ष हैं, ने उठाया है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से तत्काल इस मुद्दे को हल करने की अपील की है। सोनपाल खटीक ने कहा, “यह मुद्दा सिर्फ एक बुनियादी सुविधा का नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा का है। इन लाइटों का उद्देश्य सिर्फ यातायात को सुगम बनाना नहीं था, बल्कि यह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई थीं।”

सोनपाल खटीक ने यह भी बताया कि जब तक लाइटों की मरम्मत नहीं होती, तब तक लोग अंधेरे और कोहरे के बीच यात्रा करने के लिए मजबूर हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इन लाइटों को शीघ्र ठीक किया जाए ताकि आने वाले समय में कोई भी अप्रिय घटना न हो।

प्रशासन पर बड़ी जिम्मेदारी: क्या समाधान मिलेगा?”



अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला यूं ही अनदेखा रहेगा। अगर इन लाइटों की मरम्मत समय पर नहीं की जाती, तो यह न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बनेगा, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठेंगे।

सोनपाल खटीक की अपील को देखते हुए यह समय है जब प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और शीघ्र इन लाइटों की मरम्मत के लिए कदम उठाएं। अगर ये लाइटें ठीक हो जाती हैं, तो इससे न केवल लोगों की यात्रा आसान होगी, बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

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