"चिकित्सा क्षेत्र में नैतिकता और अनुभव का महत्व: डॉ. एस एन तोमर की प्रमुख बातें" - YES NEWS

“चिकित्सा क्षेत्र में नैतिकता और अनुभव का महत्व: डॉ. एस एन तोमर की प्रमुख बातें”

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“दायरे में रहकर प्राथमिक उपचार से मरीजों को मिले बेहतर इलाज: डॉ. एस एन तोमर”

पोरसा | (पत्रकार रवि सिंह तोमर की रिपोर्ट )

डॉ. एस एन तोमर, प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय चिकित्सा संघ ने चिकित्सकों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि वे अपने अनुभव और ज्ञान का सही उपयोग करते हुए मरीजों का इलाज करें। उनका कहना था कि प्रत्येक डॉक्टर को किसी प्रकार के लालच से बचकर केवल मरीज की भलाई के लिए काम करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गंभीर मरीजों को उचित सलाह देकर उन्हें शासकीय अस्पतालों या अन्य उच्च गुणवत्ता वाले इलाज की ओर भेजना आवश्यक है।

डिग्री से ज्यादा अहम है अनुभव”


डॉ. तोमर ने यह भी स्पष्ट किया कि इलाज के लिए केवल डिग्री की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि अनुभव सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने साझा किया कि प्राइवेट डॉक्टर अपने अनुभव के आधार पर मरीजों का इलाज करते हैं, और जब मरीज ठीक होकर घर लौटता है, तो डॉक्टर की मेहनत और समझदारी की सराहना करता है। यह दुआओं का परिणाम है, जो डॉक्टरों को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाता है।

नव वर्ष मिलन समारोह में जुटे चिकित्सा क्षेत्र के दिग्गज

अखिल भारतीय चिकित्सा संघ, पोरसा शाखा द्वारा डॉ. पोपई गार्डन में नव वर्ष मिलन समारोह और बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एस एन तोमर (प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय चिकित्सा संघ) उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रूप में डॉ. सुभाष जैन (संभागीय उपाध्यक्ष), डॉ. जी एस परिहार (जिला अध्यक्ष), और डॉ. शैलेंद्र गौड़ (जिला महासचिव) भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. राजपाल सिंह तोमर (पोरसा अध्यक्ष) ने की, और संचालन का कार्य डॉ. अजमेर सिंह सिकरवार और डॉ. एमपी बंसल ने संयुक्त रूप से किया।

चिकित्सा के क्षेत्र में विचार और सुझाव

कार्यक्रम की शुरुआत में सभी चिकित्सकों और समाजसेवियों ने माँ सरस्वती का पूजन किया। इसके बाद, चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी-अपनी महत्वपूर्ण राय और सुझाव प्रस्तुत किए गए। सभी वक्ताओं ने यह सुझाव दिया कि हर मरीज के लिए सही इलाज और बचाव अत्यंत जरूरी है। इसके अलावा, घरेलू इलाज और प्राकृतिक चिकित्सा की भी अहमियत पर बल दिया गया, क्योंकि कई बीमारियों का इलाज पारंपरिक तरीकों से भी किया जा सकता है।

प्राइवेट डॉक्टरों के लिए नई दिशा

पोरसा में प्रैक्टिस कर रहे सभी प्राइवेट डॉक्टरों ने इस बैठक में भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. उमेश परमार, डॉ. श्रवण लाल वर्मा, डॉ. राधेश्याम गर्ग, डॉ. ओमवीर सिंह, डॉ. डी एस कुशवाहा, डॉ. आसाराम कुशवाहा और अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।

डॉ. एस एन तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि हर महीने वरिष्ठ विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी डॉक्टरों को अपनी चिकित्सा क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए इन सुझावों का लाभ उठाना चाहिए। इसके अलावा, गंभीर मरीजों को समय रहते शासकीय अस्पतालों में भेजना आवश्यक है, ताकि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा मिल सके।

“हमारा मुख्य उद्देश्य मरीजों को सही उपचार देना है, और इस उद्देश्य को हम केवल एकजुट होकर ही पूरा कर सकते हैं”, डॉ. तोमर ने अंत में यह भी कहा।



सम्मानित चिकित्सक और समाजसेवी

इस अवसर पर डॉ. राजपाल सिंह तोमर, डॉ. एमसी बंसल, डॉ. अजमेर सिंह सिकरवार, डॉ. पी एस पाल, डॉ. व्ही एस चौहान, डॉ. जगत नारायण मिश्रा, डॉ. राधेश्याम गुप्ता जैसे चिकित्सकों को शाल और श्रीफल से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त समाजसेवी कमल सिंह तोमर, रामपाल सिंह तोमर, राधा कृष्ण गुप्ता, रवि सिंह तोमर, राहुल सिंह तोमर, सुधीर कुमार गुप्ता जैसे समाजसेवियों का भी सम्मान किया गया।

इस कार्यक्रम में चिकित्सा के क्षेत्र में सक्रियता और एकजुटता की भावना ने सभी डॉक्टरों और समाजसेवियों को एक नई दिशा दी, जिससे भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का निर्माण संभव हो सके।

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