https://youtu.be/iZEtP7uPq_4?si=FM6bZmfoYoSGEIAw
वीडियो रिकॉर्ड किया गया : समाजसेवी डाक्टर अनिल गुप्ता के द्वारा।
लेख प्रस्तुत है पत्रकार विनय के नज़रिए से…!
मुरेना जिले के पोरसा के अग्रसेन चौक से गांधीनगर की ओर जाते हुए, डॉ. अनिल गुप्ता क्लिनिक वाली गली में आज एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला। एक बाबा या संत की वेशभूषा में एक व्यक्ति गुब्बारे बेचते हुए दिखाई दिया। यह देखकर चौंक गए हम, लेकिन उसकी जिंदगी की सच्चाई और समाज के प्रति उसकी अवहेलना को समझते हुए, हमने उससे बातचीत की। हमने उसे स्नान करने का आग्रह किया, तो उसने न केवल नकारात्मक जवाब दिया, बल्कि यह भी कहा कि वह होली और दिवाली के समय ही स्नान करता है।
यह घटनाक्रम केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि हमारे समाज के एक बड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। यह वह लोग हैं जो समाज के एक हिस्से के रूप में साकारात्मक बदलाव के बजाय, कई बार अपनी पुरानी मान्यताओं और परंपराओं को थामे रहते हैं। उनका जीवन एक यथास्थिति से बाहर नहीं निकलता।
समाज में ऐसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं, लेकिन यही वो लोग हैं जो अपनी दिनचर्या में घुटते हुए भी अपनी पहचान बनाए रखते हैं। उनके पास कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं होता है, लेकिन वे जैसे तैसे अपने जीवन को जीते हैं। इसके बावजूद, उन्हें किसी प्रकार की मदद की जरूरत नहीं होती। यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हर व्यक्ति की मदद की जरूरत होती है, चाहे वह समाज के किसी भी वर्ग से हो।
सवाल यह नहीं है कि वह व्यक्ति क्या कर रहा है, सवाल यह है कि हम उसे किस दृष्टिकोण से देख रहे हैं। क्या हम उसे केवल उसकी स्थिति देखकर आंकते हैं, या हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि उसके जीवन में बदलाव लाने के लिए उसे समर्थन की आवश्यकता हो सकती है?
समाज में ऐसे लोगों के लिए हमें और अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। हमें उनके साथ केवल तात्कालिक समाधान नहीं, बल्कि दीर्घकालिक बदलाव पर विचार करना चाहिए। हम अपनी नज़रों में इन लोगों को बेहतर जीवन जीने का अवसर कैसे दे सकते हैं? यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है। समाज में बदलाव लाने के लिए छोटे-छोटे कदम महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
समाज से अपील:
समाज में ऐसे व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता बढ़ानी चाहिए। हमें उन्हें केवल मदद नहीं, बल्कि उनका सम्मान भी करना चाहिए। अगर हम उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दें, तो शायद उनका जीवन एक बेहतर दिशा में बदल सकता है। आइए, हम सब मिलकर इनकी मदद करें और समाज में सच्चे बदलाव का हिस्सा बनें।