पोरसा में सैंकड़ों क्षत्रिय बंधुओं की एकजुटता: सामाजिक उत्थान की दिशा! - YES NEWS

पोरसा में सैंकड़ों क्षत्रिय बंधुओं की एकजुटता: सामाजिक उत्थान की दिशा!

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पोरसा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मुरैना जिले के पोरसा में हाल ही में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा एक भव्य क्षत्रिय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षत्रिय समाज की एकता और सामाजिक उत्थान को प्रोत्साहित करना था।

धार्मिक अनुष्ठान से शुरूआत

सम्मेलन की शुरुआत भगवान श्री राम, भीष्म पितामह, महाराणा प्रताप और पूर्वज अनंगपाल सिंह तोमर की प्रतिमाओं पर फूल और माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद, धर्मशाला में नगाजी महाराज की पूजा अर्चना और अश्व पूजा का आयोजन किया गया। लगभग तीन दर्जन अश्वों की पूजा कर उन्हें सम्मानित किया गया, जिससे कार्यक्रम की धार्मिक महत्ता को बढ़ावा मिला।

सैंकड़ों क्षत्रिय समाज का जुटान

इस सम्मेलन में सैंकड़ों क्षत्रिय समुदाय के लोग एकत्रित हुए। महासभा के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में उपस्थित दिग्गज नेताओं का गले में माला पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उपस्थित लोग अपने नेताओं को देखकर उत्साहित नजर आए और उन्होंने एकजुटता का प्रदर्शन किया।

प्रेरणादायक भाषण

कार्यक्रम में कई प्रमुख नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। राजेंद्र सिंह भदोरिया, राष्ट्रीय महामंत्री, ने कहा कि दशहरा पर भगवान राम की पूजा हमें बुराई को हटाकर अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा देती है। उन्होंने युवाओं को सामाजिक ज्ञान को प्राथमिकता देने की सलाह दी, साथ ही महिलाओं को समाज में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

महंत श्री श्री 1008 बालक दास महाराज, प्रदेश उपाध्यक्ष केपी सिंह भदोरिया, महेंद्र सिंह सिकरवार (जिला अध्यक्ष), और अन्य प्रमुख नेताओं ने भी समाज में एकता और भाईचारे की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम का सफल संचालन

कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर महंत बालक दास महाराज ने की, जबकि सफल संचालन राम रूप सिंह तोमर द्वारा किया गया। उपस्थित नेताओं में बृजपाल सिंह तोमर, रघुराज सिंह भदोरिया, मोहर सिंह तोमर, और कैप्टन दशरथ सिंह तोमर जैसे प्रमुख चेहरे शामिल थे।


इस सम्मेलन ने स्पष्ट किया कि क्षत्रिय समाज एकता और सामाजिक उत्थान के प्रति गंभीर है। भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेकर, सभी ने मिलकर समाज में एकजुटता और समर्पण का संदेश दिया। इस प्रकार, पोरसा में आयोजित यह सम्मेलन क्षत्रिय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

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