खाद्य विभाग रीवा का अलग-अलग शिकायती मामला रीवा कलेक्टर को दिए गए जांच के निर्देश - YES NEWS

खाद्य विभाग रीवा का अलग-अलग शिकायती मामला रीवा कलेक्टर को दिए गए जांच के निर्देश

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खाद्य विभाग रीवा का दो अलग-अलग शिकायती मामलः:कलेक्टर को दिए गये जांच के निर्देश खाद्य, नागरिक आपूर्ति संचालनालय ने अभिमत सहित मांगा कृत कार्यवाही का प्रतिवेदन
संभागीय ब्यूरो रेखा शर्मा की खास रिपोर्ट

रीवा जिले के खाद्य विभाग के अंगद पांव बन चुके कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुभाष द्विवेदी एवं लिपिक सुरेन्द्र मिश्रा (अनुकम्पा नियुक्ति) के विरूद्ध प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुये खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय ने कलेक्टर रीवा की जांच के निर्देश दिये हैं। संचालनालय ने प्रकरण में जांच कराकर की गयी कार्यवाही का जांच प्रतिवेदन – कलेक्टर रीवा से अभिमत के साथ चाहा है। संबंधित शिकायत सनत तिवारी निवासी आग्राम विझवार (भुनगांव जवा) द्वारा की गयी थी। इसी प्रकार एक अन्य शिकायत जिसमें सुरेन्द्र मिश्रा लिपिक पर उपार्जन कार्य में गड़बड़ी सहित अन्य गंभीर आरोप लगाये गये है, को लेकर भी संचालनालय ने जांच के निर्देश कलेक्टर रीवा को दिये हैं। उसमें भी कलेक्टर से अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। यह शिकायत मिथिलेश प्रसाद तिवारी पूर्व अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति मनिका एवं अजीत सिंह पूर्व संचालक मंडल सेवा सहकारी समिति मनिकवार द्वारा संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मप्र भोपाल को प्रेषित की गयी थी। शिकायती आरोप है कि जेएसओ सुभाष द्विवेदी वदयों से एक ही मुख्यालय में पदस्थ रहकर 12 अनुचित लेनदेन कर अपात्र समितियों को केन्द्र बनाने तथा पात्र समितियों का नाम त्रपार्जन समिति से काटने का काम करते हैं। शिकायकर्ता ने आरोप लगाया है कि लिपिक सुरेन्द्र मिश्रा के द्वारा नियमविपरीत तरीके से अपनी पती श्रीमती मोनिका द्विवेदी को आउटसोर्स के रास्ते सिरमौर में रखवा दिया गया है जो प्रतिदिन आफिस नहीं आती है और उनका काम शंकर द्विवेदी करते हैं। शिकायत के माध्यम से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का लेख किया गया है एक समिति को दो-दो पंजीयन शिकायकर्ताओं ने संचालक खाडा, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण का ध्यान आकृष्ट कराया है कि लिपिक सुरेन्द्र मिश्रा के द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य सम्पादित किया जा रहा है जिसमें इनके द्वारा व्यापक मनमानी की जाती है। त्योंथर तहसील की पात्र समितियों को पंजीयन न देकर अपात्र समितियों वह भी एक समिति को दो-दो पंजीयन प्रदाय किये भी सौंपी गयी है जिसमें लिपिक द्वारा जनप्रतिनिधियों, विधायकों, मण्डल अध्यक्षों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को लेकर कहे एवं गये अपशब्दों का प्रमाण है। लिपिक सुरेन्द्र मिश्रा को तत्काल प्रभाव से अन्यत्र पदस्थ किये जाने की मांग भी की गयी है। अनवरत जारी शिकायतों का सिलसिला खाद्य विभाग रीवा में व्याप्त अनियमितताओं एवं कार्यालयीन कार्यप्रणाली के संदर्भ में शिकायतों का सिलसिला अनवरत जारी है। अनुश्रुति है कि लंकापति कोई बने किन्तु रानी मंदोदरी ही होंगी, खाद्य विभाग रीवा की स्थिति भी पिछले कई सालों से कमोवेश है। फूड कंट्रोलर की कुर्सी पर बैठने वाले वेहरे आधारान-गयाराम की तर्ज पर बदलते रहते हैं किन्तु दरबार-ए-खास लिपिक सुरेन्द्र मिश्रा ही रहते हैं। विभाग उनके रूतबे का आंकलन इसी से किया जा सकता है कि सत्तापक्ष के तत्कालीन 3-3 विधायक उनको हटाने के लिये रीवा से भोपाल तक कसरत करते रहे किन्तु उन्हें हटा नहीं पाये। वर्तमान में भी दो विधायक मौजूद हैं जबकि एक भूतपूर्व हो गये हैं। जब सत्ताधारी विधायक इनका बाल बांका नहीं कर पाये, सीट तक परिवर्तन नहीं करा पाये तब संबंधित शिकायतों की जांच से उनका खाक कुछ बिगड़ने बाला है। जहां तक जेएसओ सुभाष द्विवेदी की बात है तो उनका मैनेजमेंट मजबूत है। उनके विवरण के लिये पूरा जिला एक मैदान की तरह है। भाग्य के धनी जेएसओ को प्रभारी फूड कंट्रोलर बनने का मौका भी पूर्व में मिल चुका है। कदाचित् वे अपने महकमे के नायाब हीरे हैं जिनके बिना विभाग नहीं चल सकता है?

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