भोपाल, 02 सितंबर 2024:
मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों के भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं उभर रही हैं, जब 2 सितंबर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिथि शिक्षकों की महापंचायत में की गई घोषणाओं के बावजूद आज तक कोई ठोस आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे प्रदेशभर में 72,200 से अधिक अतिथि शिक्षक अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में हैं।
महापंचायत की घोषणाएं और शिक्षकों की प्रमुख मांगें:
महापंचायत में अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कई अहम घोषणाएं की गई थीं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
1. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथि शिक्षकों के लिए विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर उन्हें नियमित शिक्षक बनाने का प्रावधान।
2. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण।
3. भर्ती में अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष 04 अंक और अधिकतम 20 अंक का बोनस।
4. अतिथि शिक्षकों के लिए 1 वर्ष का अनुबंध, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर।
इसके बावजूद, शिक्षकों की प्रमुख मांगें आज भी लंबित हैं और 2024-25 के सत्र में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। शिक्षकों के मानसिक तनाव का मुख्य कारण यह है कि 72,200 अतिथि शिक्षकों में से मात्र 20-25 हजार की नियुक्ति हो पाई है, जबकि शेष अभी भी नियुक्ति के लिए संघर्षरत हैं।
तात्कालिक मांगे:
अतिथि शिक्षक संघ ने तात्कालिक मांगों के तहत शासन से कई अहम निर्णय लेने का अनुरोध किया है, जिनमें प्रमुख हैं:
– अनुभव के प्रति वर्ष 10 अंक और अधिकतम 150 अंक जोड़ने का प्रावधान।
– सीधी भर्ती या उच्च पदस्थापन प्रक्रिया से बाहर किए गए शिक्षकों का अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर रिक्त पदों पर समायोजन।
– रिज़र्व रखे गए पदों को पोर्टल पर रिक्त पदों के रूप में प्रदर्शित करने की मांग।
– संस्कृत और अंग्रेजी जैसे विषयों के लिए SSS-1 स्कोर कार्ड वाले शिक्षकों के लिए SSS-2 में नियुक्ति विकल्प को पोर्टल पर तत्काल खोलने की आवश्यकता।
शिक्षक दिवस पर तिरंगा न्याय यात्रा की चेतावनी:
यदि 4 सितंबर 2024 तक महापंचायत में की गई घोषणाओं के आदेश जारी नहीं किए गए और तात्कालिक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो 5 सितंबर 2024 को शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक तिरंगा न्याय यात्रा लेकर मुख्यमंत्री निवास की ओर प्रस्थान करेंगे। इसका सीधा संदेश होगा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तो यह आंदोलन बड़े पैमाने पर होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
संघ का अपील और संघर्ष:
शिक्षक संघ ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जिलाधीश महोदय से करबद्ध निवेदन किया है कि पिछले 16 वर्षों से अल्प मानदेय पर निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित किया जाए और महापंचायत की घोषणाओं पर शीघ्र आदेश जारी कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए।
इस संघर्ष में शिक्षकों की मांगें उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और प्रशासन की ओर से इन पर तत्काल कार्रवाई अपेक्षित है।