ब्यौहारी पुलिस की बड़ी सफलता: डेढ़ साल बाद लौटाया 2.5 लाख का सामान - YES NEWS

ब्यौहारी पुलिस की बड़ी सफलता: डेढ़ साल बाद लौटाया 2.5 लाख का सामान

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सायबर सेल और पुलिस की सक्रियता से मिला फरियादिया का खोया सामान

ब्यौहारी/शहडोल हाल के दिनों में पुलिस की सक्रियता विशेष रूप से सायबर सेल की प्रभावशीलता को दर्शाती है। लोगों को वर्षों पहले गुम हुए सामान की वापसी का अनुभव हो रहा है। पूर्व में जिन मामलों में फर्जी पंजीकरण देखे जाते थे, उनमें भी अब कमी आ रही है। हाल ही में, एक डेढ़ साल पुराने मामले में बड़ी सफलता मिली जब महिला का खोया हुआ सामान पुलिस ने बरामद किया।

खोए हुए कीमती सामान की वापसी ने लौटाई मुस्कान

पिछले महीने जनपद पंचायत ब्यौहारी के एक रिटायर्ड कर्मचारी पाण्डेय का रुपये से भरा बैग एक बस से गायब हो गया था। निरीक्षक अरुण पाण्डेय की अथक मेहनत से बैग बरामद हुआ। इसी तरह, डेढ़ साल पुराने एक मामले में भी पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की। महिला का खोया हुआ मोबाइल, पर्स और सोने के जेवरात, जिनकी कुल कीमत लगभग 2 लाख 50 हजार रुपये थी, वापस लौटा दिए गए। फरियादिया और उनके परिवार के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है, जो पहले इस सामान की वापसी की उम्मीद छोड़ चुके थे।

यह था मामला

26 दिसंबर 2022 को फरियादिया सकीला बानो ने थाना में सूचना दी कि चुंगी नाका ब्यौहारी से अपने मायके ग्राम खैरा जाते समय उनका लेडीज पर्स गिर गया था। इस पर्स में सोने की मनचली, बेंदी, कान का झुमका, मंगलसूत्र, वीवो कंपनी का मोबाइल और 3 हजार रुपये नगदी थे।

फरियादिया से हुई पहचान

ब्यौहारी पुलिस ने सूचना को गंभीरता से लेते हुए सायबर सेल शहडोल को पूरी जानकारी भेजी। सायबर सेल ने लगातार नजर रखी और डेढ़ साल बाद मोबाइल की लोकेशन ग्राम खैरा में प्राप्त की। मोबाइल उपयोगकर्ता पुष्पा यादव से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने करीब डेढ़ वर्ष पहले एक लेडीज पर्स पाया था, जिसमें सभी खोया हुआ सामान था। सामान की पहचान कर फरियादिया को लौटाया गया।

लगातार पैनी नजर

ब्यौहारी पुलिस और सायबर सेल शहडोल की मेहनत से फरियादिया का खोया हुआ सोने का सामान और नगदी बरामद कर उसे वापस किया गया। यह सराहनीय कार्य पुलिस अधीक्षक शहडोल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार पाण्डेय और उनकी टीम द्वारा किया गया।

सराहनीय कार्य के जाबाज

इस सफलता में थाना प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार पाण्डेय, उपनिरीक्षक विजेन्द्र मिश्रा, उपनिरीक्षक कपिल कांत तिवारी, प्र.आर. नरेंद्र उपाध्याय, प्र.आर. ललिता पटेल, आर. पुष्पेन्द्र सिंह, आर. संजय द्विवेदी, आर. अमृत यादव, आर. गंगासागर गुप्ता और आर. सत्यप्रकाश मिश्रा (सायबर सेल शहडोल) की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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