"लमसरई की लड़ाई: शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकार की जंग" - YES NEWS

“लमसरई की लड़ाई: शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकार की जंग”

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सिंगरौली।

*चितरंगी क्षेत्र की उपेक्षा की दास्तान*

चितरंगी क्षेत्र के निवासी पिछले पांच दशकों से सरकारी उपेक्षा के शिकार हैं। इस क्षेत्र के पूर्वी हिस्से में स्थित लमसरई में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। ब्लाक कांग्रेस कमेटी चितरंगी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की मांग की है।

*शिक्षा की व्यथा*

लमसरई में हायर सेकेण्डरी स्कूल चलता है, लेकिन इसमें 9 से 12 की क्लास एक साथ चलती है, जिससे छात्रों को परेशानी होती है। स्कूल में शिक्षकों की कमी है, जिससे छात्रों को उचित शिक्षा नहीं मिल पाती है। स्कूल की इमारत पुरानी हो चुकी है, जिससे छात्रों की सुरक्षा को खतरा है। छात्रों के माता-पिता चिंतित हैं कि उनके बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

*स्वास्थ्य सुविधा की कमी*

इसके अलावा, 1984 से तत्कालीन मुख्यमंत्री कुअंर अर्जुन सिंह जी द्वारा लमसरई अस्पताल स्वीकृत किया गया था, लेकिन अभी तक डाक्टर और स्टाफ की कमी है। अस्पताल में डाक्टरों की कमी है, जिससे मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता है। अस्पताल की इमारत भी पुरानी हो चुकी है, जिससे मरीजों को परेशानी होती है। मरीजों को दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है।

*क्षेत्रीय जनों की मांग*

क्षेत्रीय जनों की ओर से मांग की जाती है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह है कि कन्या माध्यमिक विद्यालय लमसरई का उन्नयन हाई स्कूल हायर सेकेण्डरी में किया जाए। अस्पताल लमसरई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने एवं डाक्टरों की पदस्थापना अनिवार्य की जाए। हायर सेकेण्डरी स्कूल लमसरई को महाविद्यालय बनाया जाए।

*आंदोलन की चेतावनी*

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन करेंगे और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करेगी।

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