#### **ग्राम घोपतपुर में कीचड़ का साम्राज्य, स्कूल जाने में छात्रों को कठिनाई**
बजाग जनपद के ग्राम पंचायत घोपतपुर में निर्माण कार्यों की अनदेखी कोई नई बात नहीं है। यहां की सड़कों की हालत ने एक बार फिर ग्रामीणों को परेशान कर दिया है। ग्राम पंचायत द्वारा सही स्थान पर सीसी सड़क का निर्माण न कर, कच्ची सड़क पर मिट्टी युक्त मुरूम डाल दी गई, जिससे सड़क दलदल में बदल गई है।
#### **सड़क पर मुरूम डालने से बढ़ी समस्या**
टोला वार्ड क्रमांक 7-8 में भारी बरसात के बीच मिट्टी मुरूम डालने से स्थिति और बिगड़ गई है। यहां लगभग 70 परिवार रहते हैं और 300 से अधिक की आबादी है। पहले से ही कच्ची सड़क पर हल्का कीचड़ होता था, लेकिन मुरूम डालने के बाद यह समस्या दोगुनी हो गई है।
#### **राहगीरों की दुश्वारियां**
ग्रामीणों का कहना है कि यहां सीसी सड़क बननी चाहिए थी, जिससे आवागमन सुगम हो सके। अब हाल यह है कि न सिर्फ राहगीरों, बल्कि जानवरों के लिए भी चलना मुश्किल हो गया है। वाहन भी कीचड़ में फंस जाते हैं, जिससे आने-जाने में कठिनाई होती है।
#### **छात्रों की मुश्किलें**
इस मार्ग से आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला के बच्चे रोजाना गुजरते हैं। कीचड़ भरे रास्ते से स्कूल जाते समय उनकी ड्रेस गंदी हो जाती है और फिसलने का भी खतरा बना रहता है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी अभिभावक चिंतित हैं।
#### **ग्रामवासियों की नाराजगी**
स्थानीय निवासी देव सिंह, दालचंद, महेश कुमार, विजय कुमार, मुकेश कुमार, और फूल सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार सरपंच और सचिव से बात की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। निराश होकर, ग्रामीणों ने 12 जुलाई को सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
#### **सरकारी बजट और वास्तविकता**
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत को विकास कार्यों के लिए लाखों रुपये का बजट मिलता है, लेकिन इसका सही उपयोग नहीं हो रहा है। सीसी सड़क का निर्माण नहीं होने से ग्रामीण प्रशासन से नाराज हैं।
#### **आगे की राह**
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द सीसी सड़क का निर्माण किया जाए, ताकि बारिश के मौसम में होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके। ग्रामीणों की यह भी अपील है कि सरकारी धन का सही उपयोग हो और सभी हितग्राही योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे।
इस मुद्दे ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है और ग्रामीणों की नाराजगी को बढ़ावा दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कब तक करता है।