- दिव्यांग छात्र तरुण कुमार ने दिलाया देश को गोल्ड मेडल
- मां के हौसले और संघर्ष ने दिखाया कमाल
**संवाददाता: फिरदौस खान**
**मंडला:** असंभव कुछ भी नहीं, यह साबित कर दिखाया तंखा मोमोरियल दिव्यांग स्कूल के छात्र तरुण कुमार ने, जिन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से देश को गोल्ड मेडल दिलाया। जबलपुर के रांझी के मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले तरुण बोलने में असमर्थ हैं और बचपन से ही अपनी मां के साथ नाना-नानी के घर पर रहते हैं।
तरुण बचपन से ही फुटबॉल में रुचि रखते थे और तंखा मेमोरियल दिव्यांग स्कूल के प्रयासों से राष्ट्रीय दिव्यांग फुटबॉल मैच में ग्वालियर में अच्छा प्रदर्शन किया। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उन्हें स्वीडन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गोथिया कप के लिए चुना गया।
फाइनल मुकाबला भारत और डेनमार्क के बीच था, जहां दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर थीं। अंतिम मिनट में तरुण ने जीत का निर्णायक गोल करके भारत को 4-3 से विजयी बनाया।
जबलपुर लौटने पर तरुण का भव्य स्वागत किया गया, जिसमें उनके परिवार और मोहल्ले वालों ने जश्न मनाया। तरुण ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां, नाना-नानी, स्कूल के संचालक, शिक्षक, टीम के साथी और कोच को दिया।तरुण की इस उपलब्धि ने जबलपुर और देश को गर्व से भर दिया।