मंडला:
शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीजाडांडी में दिनदहाड़े गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। फिल्मी तर्ज पर छात्रों के दो गुट किसी बात को लेकर आपस में भिड़ गए। उदासीन शिक्षक जब तक मामले को सुलझा पाते, बच्चों की मारपीट हिंसक हो गई। इसमें कक्षा 11 का एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तत्काल समीप स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीजाडांडी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके सिर में गंभीर चोट के कारण टांके लगाने पड़े।
इस घटना के बाद छात्र के समझदार पालकों ने दोनों गुटों के बच्चों को समझाया कि आपस में झगड़ा करना गलत है। उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि विद्यालय में सभी बराबर हैं और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, अन्यथा मामला गंभीर हो सकता था। इस घटना ने सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों की लापरवाही को उजागर किया है। विद्यालय में बच्चों पर हमला हुआ, फिर भी वहां मौजूद शिक्षक खामोश रहे।
जब इस प्रश्न की तहकीकात की गई तो पता चला कि सभी शिक्षकों ने अपना-अपना व्यक्तिगत आशियाना बना रखा है, जहां वे पूरा दिन आराम करते हैं। कक्षाओं का संचालन हो रहा है या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब नहीं रहता। पिछले वर्ष भी एक शाला एक परिसर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीजाडांडी में पिस्टल लाने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसे भी शिक्षकों ने दबा दिया था।
शासन-प्रशासन बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। शिक्षकों को पढ़ाई से ज्यादा चिंता इस बात की रहती है कि शाम की जबलपुर की बस का समय न चूक जाए। फिर चाहे प्रार्थना समाप्त हुई हो या नहीं, बच्चों ने प्रस्थान किया या नहीं, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। पालक-शिक्षक संघ कई दिनों से इस मुद्दे को उठा रहा है, लेकिन लक्ष्मी की चमक के आगे सब मुद्दे दब जाते हैं। इसलिए ये सभी मामले ठंडे बस्ते में समाहित हो जाते हैं।
पूर्व में भी जब इस विद्यालय का मामला उठाया गया था, तो तत्कालीन प्राचार्य ने धमकी दी थी और महिला आयोग में शिकायत की धमकी भी दी थी। परंतु मामला देश के भविष्य से जुड़ा होने के कारण हमें बार-बार इस विषय में आवाज उठानी होगी।