शहडोल/ रसमोहनी (रोहित शर्मा) -प्रदेश सरकार ग्राम विकास के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से विकास कागजों तक ही सीमित रह जाता है, और ठेकेदार और अधिकारी अपनी जेबें भरते हैं।ताजा उदाहरण जनपद पंचायत बुढार की ग्राम पंचायत अमहा के डूमर टोला का है, जहां सामुदायिक भवन की लागत 14 लाख रुपये बताई गई है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में सामुदायिक भवन का निर्माण निकटवर्ती गांव बरगामा 24 के सहायक सचिव द्वारा कराया गया था।ग्रामीणों के अनुसार, सामुदायिक भवन थोड़ी सी बरसात में ही पानी से छलनी हो गया और छत में दरारें आ गईं। इस स्थिति से परेशान होकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जांच की मांग की है और उचित कार्रवाई की अपेक्षा की है।यह मामला ग्राम विकास में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जहां सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पाता और विकास कार्य केवल कागजों में ही पूरा दिखाया जाता है। ऐसे मामलों की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है ताकि ग्रामीण विकास की योजनाओं का सही मायनों में क्रियान्वयन हो सके और जनता को लाभ मिल सके।