नरवार पंचायत में बाल मजदूरी का खुलासा: सरपंच और सचिव की अनियमितताओं का पर्दाफाश
सरपंच-सचिव की मिलीभगत से नरवार में बाल श्रमिकों का शोषण: सरकारी योजनाओं की अनदेखी
यस न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट
उमरिया- बाल श्रम उन्मूलन को लेकर सरकार ने कई कार्यक्रमों की शुरुआत की है, लेकिन नरवार में यह पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। यहाँ बाउंड्रीवॉल निर्माण से लेकर अवैध मिट्टी फेंकने तक के कार्यों में बाल श्रमिकों का खुल्लमखुल्ला उपयोग हो रहा है।
सरकार ने बाल श्रम उन्मूलन के लिए कई योजनाएं चलाई हैं और बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जगह-जगह आवासीय विद्यालय भी खोले गए हैं। लेकिन नरवार पंचायत के सरपंच सोमवती बैगा और सचिव रत्न सिंह की अनदेखी के चलते छोटे बच्चों का जमकर शोषण हो रहा है। जब सचिव रत्न सिंह से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन सरपंच का पूरा कार्यभार उमेश यादव संभाल रहे हैं। सरपंच सोमवती बैगा तो केवल नाम के मुखिया हैं, असल में पंचायत का संचालन यादव जी के हाथों में है।
नरवार पंचायत में अवैध मुरूम से लेकर नदियों से रेत निकालने तक और बाउंड्रीवॉल निर्माण में बच्चों से काम कराने की घटनाएँ सामने आई हैं। उमेश यादव और सचिव रत्न सिंह इन अनियमित कार्यों को अंजाम देते नजर आ रहे हैं। उम्मीद है कि इस खबर के बाद जिला पंचायत सीईओ और अन्य अधिकारी कार्यवाही करने में सफल होंगे।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन अभिभावकों की मजबूरी और प्रशासनिक अनदेखी के चलते बाल श्रम की घटनाएँ जारी हैं। मजदूरी कर रहे बच्चों के नाम देवांश, अंजली, शिखा, राधा आदि हैं।
जिले के सहायक सम्पदा अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि वे बाल श्रम नोडल अधिकारी को तुरंत सूचित करेंगे और नियम अनुसार कार्यवाही करेंगे। जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से बात करके हर एक ग्राम पंचायत में नोटिस भी जारी किया जाएगा।