बनवारी कटारिया/राजगढ़
चाटुखेड़ा संकुल के शासकीय प्राथमिक विद्यालय किशनपुरिया में पर्यावरण संरक्षण का एक अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिला, जब प्रभारी शिक्षक हरिसिंह सरावत ने अपने जन्मदिन के अवसर पर विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया। इस विशेष मौके पर सरावत ने नीम, पीपल और बरगद के पेड़ लगाए, जो पर्यावरण संतुलन और स्वच्छ वायु के स्रोत हैं।
हरिसिंह सरावत ने बताया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आरंभ किए गए ‘एक पेड़ माँ’ अभियान से प्रेरित होकर उन्होंने यह पहल की है। उनका मानना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें हर खुशी के अवसर पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने कहा, “वृक्ष हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, और हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित करना है।”
इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों और अन्य शिक्षकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर वृक्षारोपण में योगदान दिया और इसे एक सामूहिक प्रयास बना दिया। यह आयोजन न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक माध्यम था, बल्कि बच्चों में भी प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास था।
श्री सरावत की इस पहल की स्थानीय समुदाय में भी सराहना हो रही है। लोगों का मानना है कि इस तरह के सकारात्मक कदम हमें हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित करते हैं और समाज में एक बेहतर बदलाव लाते हैं।
हरिसिंह सरावत ने यह भी कहा कि वह अपने छात्रों को भी पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में नियमित रूप से सिखाते हैं और उन्हें पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका उद्देश्य है कि हर छात्र एक पेड़ लगाए और उसकी देखभाल करे, ताकि आने वाले वर्षों में हम एक स्वस्थ और हरित पर्यावरण देख सकें।
इस प्रकार, हरिसिंह सरावत का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना, बल्कि पूरे विद्यालय और स्थानीय समुदाय के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण साबित हुआ। उनके इस प्रयास से यह सिद्ध होता है कि छोटी-छोटी पहल भी बड़े बदलाव ला सकती है, बस जरूरत है तो उसे एक सही दिशा और समर्पण देने की।
प्रभारी शिक्षक हरिसिंह सरावत द्वारा उनके जन्मदिन पर किए गए वृक्षारोपण की यह पहल एक प्रेरणादायक कदम है। यह हमें सिखाता है कि कैसे व्यक्तिगत खुशी को पर्यावरण संरक्षण के महान उद्देश्य से जोड़कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। उम्मीद है कि उनकी इस प्रेरणा से और लोग भी आगे आएंगे और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देंगे।