पशु चिकित्सालय में ताला जड़ा, चिकित्सक की मनमानी से पशुपालक परेशान
संवाददाता: फिरदौस खान
मंडला।
मानिकसरा और आसपास के क्षेत्र के पशुपालक अपने पशुओं के इलाज के लिए लगातार परेशान हो रहे हैं, क्योंकि पशु चिकित्सालय में अधिकतर समय ताला लटका रहता है।
समस्या की गंभीरता:
मानिकसरा पशु चिकित्सालय के अंतर्गत लगभग दो दर्जन से अधिक गांव आते हैं, लेकिन चिकित्सालय का निरंतर न खुलना पशुपालकों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि चिकित्सालय समय पर नहीं खुलता और समय से पहले बंद हो जाता है। अधिकतर समय तो चिकित्सालय पूरी तरह से बंद रहता है।
चिकित्सक की गैर-मौजूदगी:
पशु चिकित्सक डॉ. प्रभात कुमार शिवहरे अधिकतर समय कार्यालय से गायब रहते हैं, जिससे पशुपालकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पशुपालकों के पास इलाज का एकमात्र साधन मानिकसरा का शासकीय पशु चिकित्सालय है, लेकिन चिकित्सक की गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण यह साधन भी निरर्थक साबित हो रहा है।
बीमारी का प्रसार:
वर्तमान समय में मानिकसरा में पशुओं में अज्ञात बीमारी फैली हुई है, लेकिन पशु विभाग इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। कई बार पशुओं की जान भी चली जाती है, लेकिन स्थिति में सुधार के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
पशु चिकित्सक डॉ. प्रभात कुमार शिवहरे के गैर जिम्मेदाराना रवैये से पशुपालक अत्यधिक परेशान हैं। प्रशासन को इस समस्या का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पशुपालकों को अपने पशुओं के इलाज के लिए भटकना न पड़े और उन्हें सही समय पर इलाज मिल सके।