आखिर आसमान में इंद्रधनुष बनता कैसे हैं ? - YES NEWS

आखिर आसमान में इंद्रधनुष बनता कैसे हैं ?

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बरसात के समय इंद्रधनुष का बनना एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है। यह सूर्य के प्रकाश का पानी की बूंदों से होकर गुजरने पर होने वाले परावर्तन, अपवर्तन और विकिरण की प्रक्रिया के कारण होता है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं:

1. सूर्य का प्रकाश:
– सूर्य का प्रकाश सफेद होता है, जिसमें सात रंग होते हैं: लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, इंडिगो और वायलेट (बैंगनी)।

2. अपवर्तन (Refraction):
– जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में मौजूद पानी की बूंदों में प्रवेश करता है, तो उसकी किरणें अपवर्तित (मुड़ती) होती हैं। यह अपवर्तन प्रकाश की गति में परिवर्तन के कारण होता है, जिससे प्रकाश की किरणें एक नए कोण पर मुड़ती हैं।

3. परावर्तन (Reflection):
– अपवर्तन के बाद, प्रकाश की किरणें पानी की बूंद के अंदर परावर्तित (प्रतिबिंबित) होती हैं। यह परावर्तन बूंद की भीतरी सतह से होता है, जिससे प्रकाश की किरणें वापस बाहर की तरफ जाती हैं।

4. विकिरण (Dispersion):
– परावर्तन के दौरान, सफेद प्रकाश के सात रंग अलग-अलग हो जाते हैं। इसे विकिरण कहते हैं। हर रंग की किरणें अलग-अलग कोण पर मुड़ती हैं, जिससे वे एक स्पेक्ट्रम बनाते हैं।

5. दूसरा अपवर्तन:
– पानी की बूंद से बाहर निकलते समय, प्रकाश की किरणें फिर से अपवर्तित होती हैं, जिससे सात रंगों का एक पूर्ण स्पेक्ट्रम बनता है। यह स्पेक्ट्रम ही इंद्रधनुष के रूप में दिखाई देता है।

– इंद्रधनुष को देखने के लिए, देखने वाले व्यक्ति को सूर्य की पीठ पर होना चाहिए और सामने बारिश होनी चाहिए।
– इंद्रधनुष का आकार गोलाकार होता है, लेकिन जमीन के कारण हम इसे अर्धवृत्ताकार (अर्धचंद्राकार) के रूप में देखते हैं।

इस प्रकार, जब सूर्य का प्रकाश बारिश की बूंदों से गुजरता है, तो इन प्रक्रियाओं के माध्यम से हमें आसमान में रंगीन इंद्रधनुष दिखाई देता है।

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