रोहित शर्मा,रसमोहनी: शासन-प्रशासन द्वारा लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर विभिन्न योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन अक्सर ये योजनाएं कागजों में ही सीमित रह जाती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है केंद्र सरकार की नल-जल योजना, जिसका उद्देश्य घर-घर पानी पहुंचाना है। हालांकि, जमीनी हकीकत इससे बहुत अलग है।
घोघरी और सगरा टोला की समस्या: जनपद पंचायत बुढार के ग्राम पंचायत घोघरी और सगरा टोला के ग्रामीण पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नल-जल योजना के तहत चार महीने पहले ठेकेदार द्वारा आधे गांव में पाइप डाले गए थे, लेकिन पांच महीने से काम बंद है और ठेकेदार का कोई अता-पता नहीं है।
हैंडपंप भी विफल: गांव में कुछ हैंडपंप टूटे हुए हैं और कुछ केवल हवा दे रहे हैं, जिससे पानी पीने के लिए भारी किल्लत हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि वे पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
प्रशासन से अपील: पानी की इस गंभीर समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वे पानी की समुचित व्यवस्था करें ताकि उनकी प्यास बुझ सके और नल-जल योजना का लाभ उन्हें मिल सके।
यह स्थिति प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है और हमें सोचने पर मजबूर करती है कि योजनाएं कागजों से जमीन पर कब आएंगी। यह समय की मांग है कि प्रशासन तत्परता दिखाए और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करे।