बरसात में दीवारों पर सीलन लगने से प्रभाव:
1. **स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं:** सीलन के कारण फफूंदी और काई विकसित हो सकती है, जिससे एलर्जी, अस्थमा और श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
2. **दीवारों का क्षरण:** नमी के कारण दीवारों की मजबूती घट सकती है, जिससे प्लास्टर उखड़ने और पेंट खराब होने की समस्या होती है।
3. **बिजली की समस्याएं:** सीलन के कारण दीवारों में लगे विद्युत उपकरणों और वायरिंग को नुकसान हो सकता है, जिससे शॉर्ट सर्किट और आग लगने का खतरा बढ़ता है।
4. **दुर्गंध:** सीलन के कारण घर में बदबू फैल सकती है, जिससे रहने का माहौल असुविधाजनक हो जाता है।
5. **फर्नीचर और अन्य सामान का नुकसान:** नमी के कारण लकड़ी के फर्नीचर और अन्य घर के सामान को नुकसान पहुंच सकता है।
### समाधान:
1. **वॉटरप्रूफिंग:** दीवारों पर वाटरप्रूफिंग कोटिंग करवाएं। यह नमी को दीवारों के अंदर प्रवेश करने से रोकता है।
2. **फंगस रोधी पेंट:** दीवारों पर फंगस रोधी पेंट का उपयोग करें, जो फफूंदी और काई को बढ़ने से रोकता है।
3. **प्लंबिंग की जांच:** पाइपलाइन और अन्य प्लंबिंग सिस्टम की नियमित जांच करें ताकि कहीं से पानी का रिसाव न हो।
4. **वेंटिलेशन:** घर में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था करें, ताकि नमी कम हो सके। इसके लिए वेंटिलेटर या एग्जॉस्ट फैन का उपयोग करें।
5. **रेन गटर साफ करें:** घर की छत पर लगे रेन गटर को साफ रखें ताकि पानी का जमाव न हो और वह सही तरीके से बह सके।
6. **दीवारों की मरम्मत:** दरारों और छिद्रों को भरवाएं। सीलेंट और पुट्टी का उपयोग करके दीवारों को सील करें।
7. **डिह्यूमिडिफायर का उपयोग:** घर में नमी को कम करने के लिए डिह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
8. **प्रॉपर ड्रेनेज सिस्टम:** घर के आसपास जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें ताकि पानी दीवारों के संपर्क में न आए।
इन उपायों को अपनाकर बरसात में दीवारों पर सीलन की समस्या से बचा जा सकता है और घर को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सकता है।