बारात आते ही ससुर ने पकड़ा दामाद का हाथ, मंडप की जगह ले गया बगीचे में, आगे जो हुआ, लोग खींचने लगे फोटो - YES NEWS

बारात आते ही ससुर ने पकड़ा दामाद का हाथ, मंडप की जगह ले गया बगीचे में, आगे जो हुआ, लोग खींचने लगे फोटो

0Shares

सोशल मीडिया पर सवाई माधोपुर में हुई एक अनोखी शादी की काफी चर्चा हो रही है. 16 जून को हुई इस शादी की तस्वीर काफी वायरल हो रही है. आखिर ऐसा क्या अनोखा हुआ इस शादी में?

Writeen By – Prayagraj Reporter / Pankaj Singh

आज के समय में शादी-ब्याह पहले की तरह पारिवारिक महोत्सव नहीं रह गया. अक्सर इन शादियों में कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती है कि इनकी चर्चा दूर-दूर तक होने लगती है. कई बार इन शादियों में होने वाली घटनायें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है. उसके बाद तो शादी चर्चा का विषय बन जाती है. हाल ही में सवाई माधोपुर में हुई एक शादी में ऐसी अनोखी चीज हुई, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी. हालांकि, इसकी अब हर कोई तारीफ कर रहा है।

जिले के मलारना चौड़ में रहने वाले एक परिवार में 16 जून को शादी का आयोजन किया गया था. जब लड़के वाले उनके घर आए, तो उन्होंने सबसे पहले दूल्हे को घोड़ी से उतरवाया. इसके बाद उसे लेकर सीधे बग़ीचे में गए. वहां किसी भी रस्म को पूरा करने से पहले दूल्हे से आम के पौधे लगवाए गए. जी हां, शादी की रस्मों के बीच दूल्हे से पौधे लगवाकर पर्यवरण संरक्षण का संदेश दिया गया. अब लोग इसकी काफी तारीफ कर रहे हैं।

बढ़ते तापमान से चिंतित था परिवार

जानकारी के मुताबिक़, कस्बा निवासी सूरजमल मीणा की बेटी की शादी सोलह जून को सम्पन्न हुई. इस शादी में लड़की के चाचा ने पंचायत के सामने प्रस्ताव रखा कि जिस तरह से तापमान में वृद्धि हो रही है, उसे देखते हुए लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना काफी जरुरी है. इसके लिए सबसे जरुरी है पौधारोपण करना. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि आने वाले बारातियों के बीच एक आम का पौधा बांटा जाए, ताकि आगे चलकर पेड़ से छांव मिल सके।

दूल्हे से लगवाया पौधा

जब बारात द्वार पर आई तब दूल्हे को मंडप में ले जाने से पहले बगीचे में ले जाया गया. वहां दूल्हे ने आम के पौधे लगाए. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इसमें वर हीरालाल को वधु के घर के बगीचे में आम का पौधा लगाते देखा गया. लोग इस पहल की काफी तारीफ कर रहे हैं. जितने बारातियों को पौधा बांटा गया, उनसे इसकी देखभाल करने का वचन लिया गया. ताकि आगे चलकर ये पौधे पेड़ बनकर पर्यावरण को फायदा पहुंचा पाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *