=सभी शासकीय परिसरों में लगाया जाए राजकीय वृक्ष बरगद
=इस बारिश नगर को हरियाली चूनर पहनाने आगे आएं लोग – मनोज द्विवेदी
अनूपपुर। यस न्यूज जिला ब्यूरो दिगम्बर शर्मा
अनूपपुर।
पर्यावरण सुधार के लिये जिला मुख्यालय में इस वर्ष की पहली बारिश में कम से कम पांच हजार पौधे लगा कर संरक्षित करने की आवश्यकता है। सघन वृक्षारोपण अब किसी भी व्यक्ति के लिये स्वैच्छिक ना होकर अनिवार्य विषय हो गया है। हम अपने बच्चों के लिये, आने वाली पीढियों के लिये कैसा पर्यावरण छोड़ कर जाने वाले हैं, यह चिंतन हमें अब करना होगा। इसके लिये हम सरकार और प्रशासन के बूते निर्भर नहीं रह सकते । यह हमारी आवश्यकता है, यह हमारी धरती है और यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाला पर्यावरण है। जिसे साधे रखना, जिसे शुद्ध बनाना हम सबका सामूहिक सामाजिक दायित्व है।
मैने पिछले दस वर्ष में लगभग प्रत्येक उचित अवसर पर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों का ध्यानाकर्षण इस ओर करवाया है कि बरगद हमारा राजकीय वृक्ष है। यदि हम सभी शासकीय परिसरों ( जो कि बाऊण्ड्रीवाल से सुरक्षित हैं ) में एक या अधिक बरगद अवश्य लगाएँ । इससे होगा यह कि इसके कारण बरगद शासकीय डायरी, कैलेंडर, दीवारों से निकल कर जमीन पर पल्लवित होगा। अपितु इसके कारण बरगद के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
इस बारिश में सभी शासकीय कार्यालयों, विद्यालय, महाविद्यालय, पंचायत भवन, आंगनबाडी, छात्रावासों , चिकित्सालयों सहित स्थान की सुलभता के अनुरुप अन्य परिसरों में सुरक्षित तरीके से बरगद लगा कर उसे सुरक्षित बचाने की जिम्मेदारी तय की जाए। इस आशय की मांग मैने प्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव एवं अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से की है।
यह सिर्फ यहीं तक सीमित ना रहे बल्कि नगर के उपलब्ध नदी ,तालाब,मन्दिर ,श्मशान , सड़क के दोनों ओर, रोड डिवाइडर मे उचित चयन करते हुए प्राथमिकता से पीपल, बरगद, नीम, आंवला, आम, जामुन, करंज, गुलमोहर, बोगेनविलिया सहित अन्य उपलब्ध पौधों का रोपण जन भागीदारी से करें।
अनूपपुर जिला मुख्यालय सहित कोतमा, बिजुरी, पसान , जैहहरी, रामनगर, बनगंवा , डोला, डूमरकछार,राजेन्द्रग्राम,अमरकंटक ,बेनीबारी,फुनगा, वेंकटनगर, चचाई में प्रत्येक स्थान पर आवश्यकता और सुलभता के अनुरुप पौधारोपण करना होगा। नगरपालिका क्षेत्र अनूपपुर में इस वर्ष पांच हजार पौ़धे लगाने और उन्हे बचाने की योजना पर आगे बढना होगा।