महाविद्यालय के प्राचार्य एवं बाबू के साठ गांठ से वित्तीय अनियमितता की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं…!
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग रीवा ऐसे मामलों में नहीं देता है ध्यान जिसके ऊपर बैठे हो आका खूब डालो ढाका
रीवा।
मनगवां शासकीय महाविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में यहां की प्राचार्य एवम बाबू मिलकर महाविद्यालय के शासकीय कोषालय को खाली करने में लगे हुए हैं फर्जी बिल लगाकर एवं बिल पास करने के आवाज में पैसों की मांग करना यहां के बाबू की रोज की दिनचर्या है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाबू द्वारा किसी भी प्रकार का बिल पास करना हो या कुछ भी गलत काम करना हो पैसा दो काम कराओ। बाबू द्वारा यह भी बोला जाता है की शासकीय कॉलेज का बाबू यानी कि सब का बाप इसीलिए मुझे मनगवा कॉलेज में बुलाया गया है ताकि मैं और प्राचार्य मिलकर यहां का शासकीय कोष खाली करके वापस चला जाऊंगा। अतिरिक्त उच्च शिक्षा संचालक द्वारा 200 के किलो मीटर दूर से बाबू को मनगवा शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ किया गया। क्या रीवा जिले में बाबूओ की कमी हो गई है जबकि यहां की प्राचार्य भी मऊगंज जिले के नईगढ़ी महाविद्यालय में पदस्थ हैं और मनगवा कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्य कर रही है।
मनगवा शासकीय महाविद्यालय मैं पदस्थ बाबू द्वारा कॉलेज को ही मयखाना में तब्दील कर दिया
मनगवा महाविद्यालय के बाबू द्वारा हफ्ते दो हफ्ते में कॉलेज परिसर के अंदर ही शराब और मुर्गा मंगा के पार्टी की जाती है और जब ज्यादा शराब लग जाती है तो रात मानव कॉलेज में ही बिताई जाती है शिक्षा के मंदिर मैं शराब और मुर्गा की पार्टी मनगवा कॉलेज के लिए सामान्य बात है और यह बात अतिरिक्त उच्च शिक्षा संचालक रीवा को जानकारी भी है इसके बावजूद वह किस मोह मे बैठे हुए हैं और क्यों? क्या शासन शराब और मुर्गा के लिए महाविद्यालय खोलता है यहां के छात्राओं का भविष्य क्या होगा आखिर अतिरिक्त उच्च शिक्षा संचालक द्वारा शिष्य प्रेम क्यों उमड़ रहा है क्या प्राचार्य और बाबू को इनका संरक्षण प्राप्त है जल्द ही वीडियो और ऑडियो के साथ इसका पूरा खुलासा होगा अगले अंक में।