दिनांक: 20 अप्रैल 2025
नई दिल्ली: द्वारका सेक्टर 7 स्थित स्वामी वैद्य शाला, आयुर्वेदिक पंचकर्म एवं फीजियो थेरेपी केंद्र में एक विशेष मुलाकात हुई जब वैद्य डॉ. स्वामी नाथ मिश्र जी के गुरु जी वैद्य डॉ. प्रमोद कुमार जी उनसे मिलने पहुंचे। इस अवसर पर, डॉ. प्रमोद कुमार जी ने डॉ. स्वामी नाथ मिश्र जी को अपनी स्वरचित पुस्तक “ईशावास्योपनिषद् रहस्य” की पहली प्रति भेंट की।
डॉ. प्रमोद कुमार जी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य हैं, जिन्होंने आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। वह अहिंसा आयुर्वेदिक कॉलेज, नई दिल्ली में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत रहे हैं और आयुर्वेदिक चिकित्सा में विशेषज्ञता रखते हैं।
डॉ. प्रमोद कुमार जी ने बताया कि डॉ. स्वामी नाथ मिश्र जी उनके पुराने विद्यार्थी हैं, जिन्होंने 1980 में उनके मार्गदर्शन में बीएएमएस की पढ़ाई की थी। उन्होंने पुस्तक में अपनी शुभकामनाएं लिखी हैं और डॉ. स्वामी नाथ मिश्र जी के साथ अपने पुराने संबंधों को याद किया है।
पुस्तक में डॉ. मिश्र द्वारा लिखित लेखक के बारे में विवरण है, जिसमें उनकी शिक्षा, अनुभव और विशेषताओं का उल्लेख है। डॉ. प्रमोद कुमार जी की लेखनी में आयुर्वेद, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान, आध्यात्मिक और सामाजिक मुद्दों पर लेखन शामिल है।
डॉ स्वामी नाथ मिश्र जो कि वर्तमान समय में विश्व आयुर्वेद परिषद के विश्व विभाग सह प्रमुख के रूप में इटली, पुर्तगाल, जर्मनी स्लोवेनिया स्विट्ज़रलैंड आदि यूरोपीय देश सहित पूरे विश्व में आयुर्वेद के व्याख्यान एवं गोष्ठी के माध्यम से प्रचार प्रसार कर रहेंगे, इटली बोल्जानो स्थित आयुरपुरा के संस्थापक एवं स्कूल ऑफ आयुर्वेदा हॉलिस्टिक स्कूल आनंद आश्रम में प्रोफेसर व डायरेक्टर हैं।
डॉ मिश्र अब स्वामी वैद्य शाला द्वारका दिल्ली की स्थापना कर चेयरमैन के रूप में पंचकर्म एवं आधुनिक भौतिक चिकित्सा विज्ञान की समन्वय के साथ समाज की सेवा कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं।
इस अवसर पर, डॉ. स्वामी नाथ मिश्र जी ने अपने गुरु जी का सम्मान किया और पुस्तक के लिए उनका आभार व्यक्त किया। यह मुलाकात दोनों के बीच के पुराने संबंधों को मजबूत बनाने का एक अवसर था। इस दौरान समाज सेवी डॉ अवधेश पाण्डेय डायरेक्टर एवं डॉ शिवानी मिश्रा पाण्डेय मुख्य चिकित्सिका स्वामी वैद्य शाला एवं वैद्य शीश पाल जी उपस्थित रहे।