“42 लाख की अवैध रेत का सफाया, नगरा में पुलिस-वन विभाग की संयुक्त छापेमारी”

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“नगरा गांव में अवैध रेत की बडी खेप हुई नष्ट, 42 लाख की संपत्ति एक झटके में मिट्टी में मिलाई, पुलिस और वन विभाग की ऐतिहासिक कार्रवाई!”

मुरैना।

पत्रकार विनय की कलम से रूपांतरित खबर।

जिले में अपराध और अवैध कारोबार पर कड़ी नकेल कसते हुए थाना नगरा पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। नगरा गांव के बीहड़ क्षेत्र में छिपाकर रखी गई अवैध रेत की 1700 ट्रॉली, जिनकी कुल कीमत करीब 42,50,000 रुपये थी, को मिट्टी में मिला दिया गया। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरभ के नेतृत्व में किए गए विशेष अभियान का हिस्सा थी।

“चंबल नदी के रेत माफियाओं के खिलाफ बिगड़ा सुराग”

बात 24 मार्च 2025 की है, जब थाना प्रभारी नगरा, उनि. रामकुमार गौतम को एक गुप्त सूचना मिली। सूचना यह थी कि नगरा गांव के बीहड़ क्षेत्र में चंबल नदी से अवैध रूप से उत्खनित की गई रेत का विशाल भंडारण किया गया है। जैसे ही यह जानकारी मिली, पुलिस और वन विभाग ने तुरंत साझा कार्रवाई शुरू की, और योजना बनाकर मौके पर पहुंची। उस स्थान पर 1700 ट्रॉली रेत का अवैध भंडारण पाया गया, जो चंबल नदी से निकाली गई थी।

“जेसीबी से किया रेत का सफाया”

फिर क्या था, पुलिस और वन विभाग ने मिलकर अवैध रेत के इस बड़े जखीरे को जेसीबी मशीनों के माध्यम से तत्काल नष्ट कर दिया। रेत के हर कण को मिट्टी में मिलाकर पूरी तरह से नष्ट किया गया, जिससे इस रेत की अनुमानित कीमत 42,50,000 रुपये को एक पल में जमींदोज कर दिया गया। यह एक कड़ी और प्रभावी कार्रवाई थी, जिसने न केवल अवैध रेत व्यापारियों को झटका दिया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक मजबूत कदम बढ़ाया।

“पुलिस और वन विभाग की अडिग टीम”

इस शानदार अभियान में उनि. रामकुमार गौतम के नेतृत्व में नगरा पुलिस और वन विभाग की टीम ने अद्वितीय संकल्प और संयम के साथ काम किया। विशेष रूप से, एसडीओपी श्री रवि प्रताप भदौरिया और अति. पुलिस अधीक्षक श्री सुरेन्द्र पाल सिंह डावर ने मार्गदर्शन दिया। इस कार्रवाई में वन विभाग के अधिकारियों—डी.एफ.ओ. श्री सुजीत पाटिल, श्री भूरा गायकवाड, श्री बीर कुमार तिर्की, और वनपाल जयनारायण का योगदान भी अत्यंत महत्वपूर्ण था।

“रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त संदेश”

इस कार्रवाई से यह साफ संदेश गया कि मुरैना जिले में अब अवैध रेत उत्खनन और भंडारण के खिलाफ कोई भी गलती नहीं बख्शी जाएगी। पुलिस और वन विभाग की यह ऐतिहासिक कार्रवाई रेत माफियाओं के खिलाफ एक मजबूत चेतावनी बनकर उभरी है। अवैध रेत व्यापार अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि इस अभियान ने साबित कर दिया है कि कानून के हाथ कहीं भी और कभी भी पहुंच सकते हैं, और जो पर्यावरण का नुकसान करेंगे, उन्हें किसी कीमत पर बचने नहीं दिया जाएगा।

यह सफलता एक उदाहरण बनकर उभरी है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो किसी भी अवैध गतिविधि को सख्ती से रोका जा सकता है। अब नगरा गांव में उस अवैध रेत का कोई नाम-ओ-निशान नहीं है, बस एक संदेश है—”कानून की ताकत कभी कम नहीं होती!”

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