“जल ही जीवन: विश्व जल दिवस पर जागरूकता की अलख”

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पोरसा: पत्रकार विनय की रिपोर्ट।

विश्व जल दिवस के अवसर पर पोरसा में मध्य प्रदेश जन परिषद के आह्वान पर जिला समन्वयक सतीश सिंह तोमर के निर्देशन में तथा ब्लॉक समन्वयक राधाशरण पुरोहित के संदेश पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने जल संरक्षण हेतु अभियान चलाया।


तालाब स्वच्छता अभियान और जागरूकता रैली

कार्यक्रम की शुरुआत अनाज मंडी स्थित बड़े तालाब पर स्वच्छता अभियान से हुई, जिसमें स्वयंसेवी संस्थाओं ने जल स्रोतों की स्वच्छता का महत्व बताया। इसके बाद जल संरक्षण को लेकर एक रैली निकाली गई और संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का आयोजन पूनम समाज सेवा समिति, हीरालाल समाज सेवा समिति, भूमिजा महिला मंडल और श्री 108 बाबा विजयराज दास शिक्षा समिति द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। प्रमुख रूप से हरिओम गुप्ता, मनोज लहरिया, राधाकृष्ण लहरिया, जितेंद्र ओझा, संतोष शर्मा, मिथलेश तोमर, महावीर प्रसाद जैन, कृष्णकांत दीक्षित, मनीष शिवहरे, हितेश सिंघल आदि उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में जल संरक्षण पर जोर

संगोष्ठी में वक्ताओं ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने से उत्पन्न खतरों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि “जल ही जीवन है, इसे बचाना ही हमारा कर्तव्य है।”


“बिना जल जीवन असंभव” – विजयपाल सिंह तोमर

शासकीय माध्यमिक विद्यालय खेरिया में आयोजित कार्यशाला में स्वच्छाग्रही विजयपाल सिंह तोमर ने बताया कि धरती पर मात्र 1% जल ही पीने योग्य है, जिसका दुरुपयोग और प्रदूषण चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के नाम पर जंगलों की कटाई, तालाबों को पाटने और कंक्रीट के विस्तार ने जल संकट को गहरा दिया है।

उन्होंने लोगों से जल संरक्षण के लिए जनभागीदारी बढ़ाने, अधिक पेड़ लगाने, वर्षा जल संग्रह करने और पानी को प्रदूषित न करने की अपील की।

“यदि पानी नहीं होगा, तो रोटी, कपड़ा और मकान का भी कोई महत्व नहीं रहेगा।” – विजयपाल सिंह तोमर


जल संरक्षण हमारा दायित्व

विश्व जल दिवस के अवसर पर आयोजित इस जागरूकता अभियान ने जल बचाने और जल स्रोतों को संरक्षित करने का संकल्प दिलाया। जल संकट को टालने के लिए समाज को एकजुट होकर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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