पोरसा: पत्रकार विनय की कलम से….!
शहर के खुले नाले अब बेजुबान पशुओं के लिए एक गंभीर मुसीबत बन चुके हैं। यह नाले न केवल पशुओं के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे हैं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी इनसे प्रभावित हो रही है। आए दिन इन खुले नालों में सांड, गाय और अन्य पशु गिरकर घायल हो जाते हैं, जिन्हें समाजसेवी और नागरिक रस्सी की सहायता से बाहर निकालते हैं। इस कारण से शहरवासी नालों को पाटने की मांग कर रहे हैं, ताकि इन खतरों से बचा जा सके।
शहर के विभिन्न हिस्सों जैसे गांधीनगर, बायपास रोड, भिंड रोड, अम्बाह रोड, अटेर रोड और जोटई रोड पर खुले नाले दिखाई दे रहे हैं, जो न केवल बेजुबान पशुओं के लिए, बल्कि स्थानीय नागरिकों के लिए भी एक गंभीर खतरा बन चुके हैं। विशेष रूप से जोटई रोड पर स्थित कच्चा नाला, छात्रावास की बिल्डिंग के पास स्थित होने के कारण भवन को भी नुकसान पहुंचा रहा है। यह नाला अब खतरे की घंटी बनता जा रहा है और इसको लेकर स्थानीय नागरिकों में गहरी चिंता है।

सीएमओ अबधेश सिंह सेंगर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि “नाले के ऊपर स्लिप डालने का प्रस्ताव परिषद में पास हो चुका है। अब जल्दी ही ठेका दिया जाएगा, और ठेकेदार नाले के ऊपर स्लिप रखकर इसे शीघ्र ही ढक देंगे। इससे बेजुबान पशुओं को होने वाली परेशानी भी खत्म होगी और नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन खुले नालों की समस्या वर्षों से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर गंभीर कदम उठाने में देरी हो रही है। नागरिकों का मानना है कि नालों को पाटने से जहां पशुओं के गिरने का खतरा कम होगा, वहीं आसपास के क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी।
अब देखना यह है कि प्रशासन कितनी जल्दी इस प्रस्ताव को लागू करता है और शहरवासियों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाता है।