“ग्राम पंचायत पुरावास खुर्द में घटिया सीसी सड़क निर्माण: सरपंच और सचिव पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों का विरोध तेज़”

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मुरैना, 3 मार्च 2025 – पत्रकार रवि सिंह तोमर की रिपोर्ट।

मुरैना जिले के अंबाह विकासखंड के ग्राम पंचायत पुरावास खुर्द में चल रहे सीसी सड़क निर्माण कार्य को लेकर अब गंभीर विवाद सामने आ गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच और पंचायत सचिव द्वारा घटिया मटेरियल का इस्तेमाल करते हुए सड़क निर्माण किया जा रहा है, जिससे सड़क की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और यह सड़क जल्द ही उखड़कर खत्म हो जाएगी। यह निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा एक लाख नब्बे हजार रुपये की लागत से कराया जा रहा है, जो कि 80 मीटर लंबी सड़क के लिए है।

घटिया सामग्री से निर्माण, जल्द टूटने का डर

ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में चंबल नदी से निकाला गया सफेद वोल्डर और काले गिट्टी का मसाला डाला जा रहा है, जो तय मानकों के हिसाब से बिल्कुल उपयुक्त नहीं है। अभय सिंह तोमर, जो ग्राम पंचायत के एक सक्रिय सदस्य हैं, ने कहा, “एस्टीमेट के अनुसार इस काम में आरसीसी के सही मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। केवल 2 इंच की काली गिट्टी डालकर सड़क बना दी जा रही है, जो बहुत ही कम समय में उखड़ जाएगी।” उनका कहना था कि यह निर्माण कार्य ग्रामीणों की मेहनत की कमाई को बेकार कर देगा और जल्द ही सड़क खस्ताहाल हो जाएगी।

सरपंच और उपसरपंच पर दबाव डालने का आरोप

शिकायतकर्ता अभय सिंह तोमर ने यह भी आरोप लगाया कि सरपंच जगदीश और उपसरपंच सोनू तोमर उनके ऊपर शिकायत करने को लेकर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब मैंने इस घटिया निर्माण की शिकायत की तो सरपंच और उपसरपंच मुझे कह रहे थे कि मुझे सड़क से क्या लेना-देना है और मुझे चुप रहना चाहिए।” यह आरोप ग्रामीणों में आक्रोश का कारण बन चुका है और अब मामला और भी जटिल होता जा रहा है। इस पूरी स्थिति में अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

सरपंच और सचिव की सफाई, ठेकेदार का बयान

जब सरपंच जगदीश से इस मामले पर बात की गई, तो उन्होंने कहा, “हमने इस काम को सब इंजीनियर गिर्राज गुप्ता के कहने पर सही तरीके से करवाया है। जो भी निर्माण कार्य हो रहा है, वह मानकों के हिसाब से है।” हालांकि, इस बयान के बावजूद ग्रामीणों का विश्वास टूट चुका है, क्योंकि वे जानते हैं कि इस कार्य में गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती।

इसी बीच, सब इंजीनियर गिर्राज गुप्ता का कहना था, “मैंने शुरुआत में इस सीसी सड़क का निरीक्षण किया था और काम सही तरीके से किया गया था। अगर अब शिकायतें आ रही हैं और सड़क में कोई समस्या है, तो हम उसे फिर से सुधारने के लिए प्रयास करेंगे।”

जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई

इस पूरे मामले को लेकर जनपद सीईओ सुमन चौहान ने गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा, “हम जल्द ही इस सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच करवाने के लिए सब इंजीनियर को भेजेंगे। यदि निर्माण में कोई खामियां पाई जाती हैं तो हम इसे तुरंत ठीक करवाएंगे।”

अब यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन जल्द इस घटिया निर्माण कार्य को रोक पाएगा या क्या ग्रामीणों को अपनी शिकायतों के लिए और अधिक संघर्ष करना होगा? इस मामले से एक बात तो साफ हो गई है कि अगर सरकार और प्रशासन समय रहते इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह निर्माण कार्य न केवल किसानों और ग्रामीणों की मेहनत को नष्ट कर देगा, बल्कि यह अधिकारियों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा सकता है।

ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है

इस मुद्दे ने पूरे क्षेत्र में भारी असंतोष पैदा कर दिया है और अब ग्रामीण एकजुट होकर प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर ऐसा घटिया निर्माण कार्य जारी रहा तो यह पूरे इलाके के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बनेगा। इससे पहले भी कई बार गुणवत्ता की अनदेखी के कारण सड़कें जल्दी टूट चुकी हैं, जिससे आने वाले समय में ग्रामीणों को भारी नुकसान होगा।


यह मामला अब सिर्फ एक निर्माण कार्य का नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बन चुका है। आने वाले समय में इस पर प्रशासन की कार्यवाही का परिणाम यह तय करेगा कि क्या सचमुच ग्रामीणों को उनके हक का रास्ता मिलेगा या फिर प्रशासन की अनदेखी से उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।

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