“एसडीएम सिकरवार ने मुक्तिधाम पोरसा में किए सुधार के सुझाव, पर्यावरण को दिया नया जीवन”

0Shares


पोरसा, 15 फरवरी 2025: विनय मेहरा की कलम से….।


एसडीएम राम निवास सिकरवार ने पोरसा स्थित विश्व प्रसिद्ध मुक्तिधाम का निरीक्षण किया और यहां की व्यवस्थाओं की सराहना की। इस दौरान उन्होंने मुक्तिधाम के रचनाकार डॉ. अनिल गुप्ता द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रयासों की प्रशंसा की और प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

एसडीएम सिकरवार ने मुक्तिधाम में किये गए पर्यावरणीय कार्यों को लेकर अपनी संतुष्टि व्यक्त की, विशेष रूप से दुर्लभ औषधीय पौधों की सुरक्षा और संरक्षण की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने यहां पौधारोपण भी किया, जिसमें औषधीय पौधे शामिल थे, जो भविष्य में स्वास्थ्य और पर्यावरण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होंगे।

मुक्तिधाम में बारह जोतिलिंग और महालोक मंदिर के निर्माण कार्य की भी एसडीएम ने सराहना की, जिन्हें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के पूर्णिमा से अमावस्या तक का ध्यान में रखते हुए एक अद्भुत रूप से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने सत्यम शिवम् सुंदरम स्थल का भी निरीक्षण किया और इसे एक अद्भुत स्थल बताया।

डॉ. अनिल गुप्ता और उनकी टीम द्वारा संचालित इस मुक्तिधाम ने धार्मिक स्थल से कहीं बढ़कर एक सामूहिक सेवा केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जहां लोग न केवल धार्मिक कार्य करते हैं बल्कि स्वास्थ्य और समाज सेवा के लिए भी इस स्थल का लाभ उठाते हैं। यहां युवाओं द्वारा सुबह और शाम व्यायाम करने की आदत ने इस स्थल को एक स्वस्थ जीवन शैली के प्रतीक के रूप में स्थापित किया है।

एसडीएम सिकरवार ने विशेष रूप से डॉ. गुप्ता की समाज सेवा की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा, “यह मुक्ति धाम अब लोगों के लिए एक भयमुक्त और प्रेरणादायक स्थल बन चुका है। डॉ. गुप्ता और उनकी टीम ने इसे ऐसा स्थान बनाया है, जहां लोग धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शित करते हैं।”

एसडीएम ने डॉ. गुप्ता और उनकी टीम के प्रयासों को कलयुग में सतयुग की ओर कदम बढ़ाने जैसा बताया और इस पहल को एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जो समाज में बदलाव लाने में सक्षम है।

इस प्रकार, पोरसा का मुक्तिधाम न केवल धार्मिक बल्कि एक सामाजिक और स्वास्थ्य केंद्र के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुका है, और इसकी सफलता का श्रेय जाता है डॉ. अनिल गुप्ता और उनकी टीम के अथक प्रयासों को।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *