मामी के साथ बाजार में खरीदी के लिए लिए निकली 6 वर्षीय लड़की घूम होने पर गैल स्कूल के समीप चाईल्ड लाईन को सूचना पर मिली, जिला बाल कल्याण (न्याय पीठ) ने महज 2 घंटे के अंदर ही बालिका को उसके मामा-मामी को सुपुर्द किया
माता-पिता गुजरात के जामनगर में करते है मजदूरी
झाबुआ ।
शक्ति सिंह देवड़ा।
शहर के रानापुर तिराहे पर भंडारी पेट्रोल पंप के सामने निवास करने वाले संजय वास्केल एवं उसकी पत्नि श्रीमती सोना वास्केल के घर रहने वाली उसकी 6 वर्र्षीय भांजी को मामी द्वारा बाजार ले जाते समय घूम हो गई। बालिका घूमते-घूमते गैल स्कूल के समीप जा पहुंची। इस बीच वहां मौजूद कुछ जागरूक युवाओं ने इसकी सूचना चाईल्ड लाईन को दी। चाईल्ड लाईन ने तत्काल ही बालिका को अपनी कस्टडी में लेकर बाद 2 घंटे के भीतर ही उसके मामा-मामी का पता लगाकर उन्हें बालिका के साथ जिला बाल कल्याण समिति (न्याय पीठ) के समक्ष प्रस्तुत किया। इस दौरान चाईल्ड लाईन की महिला कार्यकर्ता ने बालिका की पृथक से काउंसिलिंग की। तत्पश्चात् न्याय पीठ द्वारा मामा-मामी से संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद अंततः बालिका को मामा-मामी के सुुपुर्द किया।
पूरा मामला इस प्रकार है कि शहर से सटे रानापुर तिराहे पर भंडारी पेट्रोल पंप के सामने निवास करने वाले संजय वास्केल एवं उसकी पत्नि श्रीमती सोना वास्केल, 8 जनवरी, शनिवार को दोपहर करीब 12 बजे बाजार में खरीदी के लिए निकले थे। तभी बालिका का भीड़ में सोना वास्केल से हाथ छुट जाने से वह बिछड़ गई और पैदल चलते-चलते गैल स्कूल के समीप जा पहुंची। जहां बालिका को अकेला घूमते देख, कुछ नागरिकों ने पूछताछ की।
चाईल्ड लाईन ने लिया अपनी कस्टडी में:
वहीं इस दौरान उपस्थित कुलदीप चौहान ने इसकी सूचना चाईल्ड लाईन में कार्यरत दिपेश वर्मा को दी। बाद श्री वर्मा के साथ चाईल्ड लाईन की महिला कार्यकर्ता अनिता डामोर एवं बिंदिया गणावा ने मौके पर पहुंचकर बालिका को अपनी कस्टडी में लिया। बताया जाता है कि बाजार से एक अज्ञात महिला उसे यह कहकर ले जा रहीं थी कि वह उसके परिवार वालों से मिलाएगी। यह कहकर वह उसे गैल स्कूल तक ले गई, लेकिन समय रहते बालिका चाईल्ड लाईन को मिल जाने के बाद चाईल्ड लाईन की उक्त टीम ने उसे अपने कार्यालय लाकर उससे परिवारजनों के बारे में पता किया।
जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से किया गया सुुपुर्द:
बालिका द्वारा मामा-मामी का नाम एवं एड्ेªस बताने पर वहां जाकर मामा-मामी से संपर्क कर उन्हें जिला बाल कल्याण समिति (न्याय पीठ) के कार्यालय पर लाया गया। जहां सीडब्ल्यूसी (न्याय पीठ) के युवा सदस्य प्रदीप ओएल जैन एवं विजयकुमा चौहान के समक्ष पहले बालिका को प्रस्तुत किया गया। जिसकी पृथक से काउंसिलिंग कार्यकर्ता अनिता डामोर द्वारा लेने के बाद मामा-मामी को बुलवाकर संपूर्ण पूछताछ के बाद उन्हें एक लिखित आदेश के माध्यम से न्याय पीठ के सदस्यद्वय श्री जैन एवं श्री चौहान द्वारा सौंपा गया।
बालिका की शिक्षा एवं समुचित देखरेख के लिए सख्त आदेश
मामा संजय वास्केल ने इस दौरान सीडब्ल्यूसी को बताया कि लडकी के माता-पिता गुजरात के भावनगर में मजदूरी करते है। वहीं लड़की फिलहाल स्कूल नहंी जा रहीं है। जिस पर सीडब्ल्यूसी के सदस्यद्वय श्री जैन एवं श्री चौहान ने सख्त आदेशित किया कि बालिका को तत्काल ही शिक्षा ग्रहण करवाने हेतु सरकारी स्कूल में व्यवस्था की जाए एवं उन्हें केंद्र तथा राज्य सरकार की समस्त प्रकार की योजनाओं से भी लाभान्वित करने के साथ ही उसकी समुचित देखरेख में कोई भी कमी ना रखी जाए।