रीवा-सीधी के इस NH को मिली फोरलेन की मंजूरी,मकान मालिकों को मिलेगा इतना मुआवजा,इस दिन से शुरू
संवाददाता- शिव सिंह रीवा
प्रयागराज-सिंगरौली हाईवे के बाद अब रीवा-सीधी नेशनल हाईवे 39 पर भी मुआवजे का खेल शुरू हो गया है। नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद सड़क किनारे मकानों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। महज एक महीने में कठौथा से लेकर चुरहट से आगे सीधी बाईपास तक सैकड़ों मकान बन गए हैं।
दरअसल, भूमि अधिग्रहण नियमों के अनुसार अगर अधिग्रहित जमीन पर मकान बनाया जाता है तो नियमानुसार उसे आवासीय श्रेणी में मानते हुए पुनर्वास पैकेज में कृषि भूमि से कहीं ज्यादा मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके चलते भूस्वामियों ने आनन-फानन में मकानों का निर्माण शुरू कर दिया है।
रीवा-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग के जिस किनारे फोरलेन सड़क निर्माण स्वीकृत है, वहां अनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें अभी अवार्ड पारित नहीं हुआ है। एक्ट के अनुसार अवार्ड पारित कर लाभ दिया जाएगा। जो लोग अनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से निर्माण करते पाए जाएंगे, उन्हें लाभ नहीं मिलेगा। – नीलेश शर्मा, SDM गोपद बनास
केंद्र ने पिछले महीने राष्ट्रीय राजमार्ग 39 रीवा से सीधी के बीच टू-लेन निर्माण को मंजूरी दी थी। मोहनिया सुरंग से चुरहट के सर्रा तक करीब 18 किमी सड़क फोरलेन है। इसके अलावा कठौथा से सीधी बायपास तक 23 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। प्रशासन ने एनएच किनारे संबंधित गांवों की जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी थी।
सर्वे लंबित है। इसकी जानकारी मिलते ही क्षेत्र में हाईवे किनारे जमीन रखने वालों ने मुआवजे के लालच में युद्ध स्तर पर मकान बनाने शुरू कर दिए हैं। लोगों को उम्मीद है कि मुआवजा राशि में बढ़ोतरी होगी। इसके अनुरूप ही उनके द्वारा कम लागत पर मकानों का निर्माण कराया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रयागराज-सिंगरौली हाईवे की स्वीकृति मिलने के बाद मुआवजे के लालच में सिंगरौली जिले के चिंतरगी से मोरवा तक सड़क के किनारे दो हजार से अधिक मकान बना लिए गए।