नुकसानी का ठिकरा हम पर फूटा तो नही करेंगे धान खरीदी उपार्जन केंद्र प्रभारी
बरसात में परिवहन के अभाव में भंडारित लाखों क्विंटल धान भीगी,जवाबदेह कौनखरीदी प्रभारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सुनाई व्यथा
यस न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट उमरिया
उमरिया – धान उपार्जन केंद्रों में दो दिन पहले हुई बरसात से परिवहन के अभाव में लाखों क्विंटल किसानों की धान बर्बाद हो गई है,जिसके बाद खरीदी केंद्र प्रभारी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे है,जिसमे स्पष्ट उल्लेख है कि बारिश से हुए नुकसान में खरीदी केंद्रों को दोषी माना जायेगा तो 02 जनवरी से केंद्रों में खरीदी का कार्य पूर्णतः बंद कर दिया जायेगा।दरअसल जिले के कुल 42 केंद्रों में धान खरीदी के 25 दिनों बाद टोटल 40 फीसदी ही परिवहन हो सका है,ये 40 फीसदी वो केंद्र है जहाँ किसानों से सीधे खरीदी कर गोदामिकरण किया जा रहा है।ज्ञापन देने पहुंचे प्रभारियों ने बताया कि 06 दिसंबर से केंद्रों में खरीदी प्रारम्भ कर दी गई थी और परिवहन के लिए ई उपार्जन ग्रुप के माध्यम से परिवहन कर्ता को दिया जाने लगा था,जबकि खरीदी के 15 दिनों तक परिवहन एजेंसी एनसीसीएफ की जानकारी केंद्रों को नही दी गई थी,इस बीच केंद्रों में 8 से 25 हजार क्विंटल धान किसानों की खरीदी जा चुकी थी।परिवहन अनुबंध के बाद भी परिवहन लगभग शून्य रहा है।इस बीच केंद्रों में लगातार खरीदी होती रही,और केंद्रों में धान की बोरियों का पहाड़ बनता रहा।कुल मिलाकर परिवहन न होने से केंद्रों में बड़ी मात्रा में धान भंडारित हो गया,इसी बीच मौसम का मिजाज बिगड़ा,और 27 दिसंबर को तेज़ बरसात हुई,और केंद्रों में परिवहन के अभाव में भंडारित लाखों क्विंटल धान भीग गई और किसानों को बड़ा नुकसान हुआ।खरीदी प्रभारियों ने ज्ञापन में उल्लेखित किया है कि बरसात की वजह से केंद्र में रखी लाखों क्विंटल भंडारित धान की क्षति परिवहन के अभाव में हुई है,न कि खरीदी प्रभारियों के किसी लापरवाही की वजह से हुई है।इस क्षति का ठीकरा अगर केंद्र प्रभारियों पर डाला गया तो 02 जनवरी से सभी केंद्र प्रभारी खरीदी कार्य पूर्णतः बंद कर देंगे,इस बीच किसानों को होने वाली परेशानी का जवाबदेह एनसीसीएफ होगा ।इस मौके पर केंद्र प्रभारियों ने यह भी बताया कि एनसीसीएफ द्वारा गोदाम स्तरीय सर्वेयर्स रखे गए है,इनके द्वारा भी अनर्गल गाड़ी को खाली करने में देरी की जाती है,जिस वजह से कार्य प्रभावित हो रहा है,इन पर भी कार्यवाही की दरकार है।