सागर से साहिल अली की रिपोर्ट।दिनांक 26 अगस्त 2024 को सिविल अस्पताल बीना में ग्राम सिरचौंपी की 3 वर्षीय बच्ची को मृत अवस्था में लाया गया। सुबह की आपातकालीन ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र सिंह ठाकुर को मृत बच्ची के परिजनों ने बताया कि 25 अगस्त की सुबह 6 बजे उसे सांप ने काटा था। इसके बाद परिजनों ने बच्ची को इलाज के बजाय गांव के एक झाड़-फूंक करने वाले के पास ले जाकर घंटों समय बर्बाद किया। बच्ची की हालत बिगड़ने पर दोपहर 2 बजे उसे बीना रिफायनरी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे सागर जिला अस्पताल रेफर किया गया। सागर जाते समय रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई।इस दुखद घटना से यह स्पष्ट होता है कि अगर बच्ची को समय पर उचित चिकित्सा मिलती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। झाड़-फूंक में कीमती समय बर्बाद करने के कारण मासूम की जान चली गई।इस दौरान सर्पदंश के अन्य मामलों में मढिया वार्ड बीना की 65 वर्षीय महजबीं, तजपुरा निवासी 23 वर्षीय प्रवेश, और ग्राम बघोरा की 32 वर्षीय नेहा का भी इलाज सिविल अस्पताल बीना में हुआ, जिनका प्राथमिक उपचार कर घर भेज दिया गया। इसी प्रकार 28 अगस्त को भी ग्राम खडेसरा निवासी 60 वर्षीय गीता चढ़ार को सर्पदंश के बाद सिविल अस्पताल लाया गया, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद सागर रेफर कर दिया गया।