ना सरकारी नौकरी का लालच, ना प्राइवेट जॉब का शौक, भारत के इस गांव में सबको लगा यूट्यूबर बनने का चस्का – YES NEWS TEEM

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छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित तुलसी गांव (Tulsi village, Chhattisgarh) खास कारणों से चर्चा में है. इस गांव को यूट्यूब विलेज या यूट्यूब हब (Youtube Hub) के नाम से जाना जाने लगा है. इस गांव की कुल आबादी करीब 3 हजार है और यहां के अधिकतर लोग यूट्यूबर बनकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कमाई कर रहे हैं.

भारत में इंटरनेट के युग की शुरुआत भले ही 90 के दशक के अंत में हुई हो मगर 2016 में जियो आने के बाद इंटरनेट की दिशा में एक नई क्रांति हुई थी. एक वक्त था जब लोग एक महीने में 1 जीबी डाटा का प्रयोग करते थे. पर जियो आने के बाद लोगों को हर दिन 1 जीबी डाटा मिलने लगा जिससे इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी तेजी आई. इंटरनेट (Internet in India) के प्रयोग के साथ कंटेंट क्रिएशन का काम भी तेजी से ऊपर की ओर बढ़ा और आज के वक्त में सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएटर्स की बाढ़ सी आ गई है. भारत में भी यूट्यूब (Youtube village in India) और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो कंटेंट बनाने वाले लाखों लोग हैं. भारत में एक ऐसा गांव (village of youtubers) है जहां के अधिकतर लोग यूट्यूबर बन चुके हैं. छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित तुलसी गांव (Tulsi village, Chhattisgarh) खास कारणों से चर्चा में है. इस गांव को यूट्यूब विलेज या यूट्यूब हब (Youtube Hub) के नाम से जाना जाने लगा है. इस गांव की कुल आबादी करीब 3 हजार है और यहां के अधिकतर लोग यूट्यूबर बनकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कमाई कर रहे हैं. गांव में यूट्यूबर बनने की शुरुआत दो दोस्तों से हुई थी. ज्ञानेंद्र शुक्ला और जय वर्मा ने अपनी नेटवर्क इंजीनियर और टीचर की नौकरी छोड़कर यूट्यूबर बनने का फैसला किया था. बस उन्हीं को देखकर गांव के अन्य लोग भी प्रेरित हो गए.

40 फीसदी लोग बन गए यूट्यूबर एएनआई से बात करते हुए ज्ञानेंद्र ने कहा कि वो पहले एसबीआई में नेटवर्क इंजीनियर के तौर पर काम करते थे. ऑफिस में खाली वक्त में वो काफी यूट्यूब देखा करते थे. साल 2011-12 में जब उन्हें यूट्यूब से प्रेरणा मिली तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर यूट्यूबर बनने का फैसला किया. अब इस गांव की 40 फीसदी आबादी यूट्यूबर बन चुकी है और यूट्यूब, इंस्टाग्राम आदि जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट बना रही है. गांव में 15 साल की उम्र से लेकर 85 साल की दादी तक लोग यूट्यूब वीडियो बना रहे हैं.

बढ़ गई लोगों के महीने की कमाई

रिपोर्ट्स के मुताबिक लोग यहां एजुकेशनल और एंटरटेनमेंट से जुड़े वीडियोज बनाते हैं और कुछ चैनल्स के सब्सक्राइबर्स 1 लाख से ऊपर हैं. जय वर्मा ने एएनआई से बात करते हुए कहा था कि शिक्षक के तौर पर वो पहले जहां 10-12 हजार रुपये ही कमा पाते थे वहीं अब वो यूट्यूब के जरिए महीने में 30-35 हजार रुपये कमाल लेते हैं.

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