घुनघुटी,उमरिया।
मई का महीना रोजगार का संकट ऊपर से ये बेतहाशा महंगाई गरीबों के लिए किसी अकाल से कम नहीं है सब्जी और दाल तमाम परिवारों से बहुत दूर होते जा रही है सरकार की ओर से हर माह मिलने वाला राशन ही मजदूरों के लिए पेट पालने का सहारा है लेकिन इस पर भी अब सिस्टम से जुड़े लोगों की नजर गड़ गई है।
जनपद पंचायत बिरसिंहपुर पाली के ग्राम खिचकिड़ी के ग्रामीणों ने मीडिया को जानकारी देकर बताया कि कोटेदार पर कम राशन देने का आरोप लगाया है ग्रामीणों कहना है कि कोटेदार राशन वितरण में अनियमिताएं कर रहा है विरोध करने पर अभद्रता करते है और धमकी देते हैं है।
ग्राम लोगों का कहना है कि अनियमिताओं को रोकने के लिए सरकार की ओर से नई ईपास मशीन उपलब्ध कराई गई है।मशीन से कांटा जुड़ा हुआ है और अंगूठा लगाते समय कांटे पर निर्धारित यूनिट के अनुसार राशन रखने पर ही राशन खारिज होने की व्यवस्था है कोटेदार नई मशीन में अंगूठा तो लगवाते हैं लेकिन राशन दूसरे कांटे से जोड़कर देते हैं उसमें भी प्रति कार्ड राशन कम तौल कर दिया जाता है लोगों ने इस पर आरोप लगा रही हैं ऐसे दोषियों पर जांच कर कोटेदार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की जा रही है।
ग्रामीण रामकृपाल ने बताया है कि यहां कोटेदार शराब पीकर राशन दुकान खोलते है मनमानी तरीके से आधे जानता का पर्ची काटकर राशन आजकल का चक्कर काट कर राशन किसी को देता है और किसी को नहीं देता फ्री वाला राशन कोटेदार स्वयं बचा लेता है, और गाड़ियों के माध्यम से इधर-उधर कर देता है इतना भी नहीं राशन ग्रामीणों को पूरी तरह नहीं मिल पाता,और कोटेदार प्रति कार्ड धारकों से 3 किलो से 5 किलो हर माह राशन की कटौती कर रहा है, ऐसा नहीं है कि इसका फायदा सिर्फ कोटेदार को हो रहा हो इसमें कई ऊपर तक की अधिकारी शामिल हैं।
बिरसिंहपुर पाली से 65 किलोमीटर दूर ग्राम खिचकिड़ी राशन दुकान में भारी भ्रष्टाचार जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने मीडिया से बताते हुए कहा कि यहां मार्च अप्रैल में पर्ची काटकर कई राशन धारकों को राशन नहीं दिया गया लेकिन मामला दबा दिया गया अब फिर से ऐसा ही चल रहा है।कुछ लोगों को राशन नहीं मिल रहा आखिर कहां जा रहा ग्रामीणों का राशन ,जबकि कटौती और कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने कोटेदारों को नई डिजिटल मशीन उपलब्ध कराई है कोटेदार की कालाबाजारी हमने का नाम नहीं ले रही है
इनका कहना है:
चलिए मैं दिखा रहा हूं ग्राम खिचड़िकी का है। टी आर नाग(पाली एसडीएम)