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पोरसा (विशेष संवाददाता): डाक्टर यूपी सिंह
कलियुग में संकटमोचन हनुमान जी को प्रधान देवता माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस युग में आने वाली हर प्रकार की बाधा व संकट का निवारण स्वयं हनुमान जी के आशीर्वाद से संभव है। इसी विश्वास और आस्था के साथ पोरसा नगर में भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण एक भव्य संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया।
यह दिव्य आयोजन भगवान श्री गोवर्धन गिरिराज जी महाराज के मंदिर प्रांगण में आयोजित हुआ, जिसमें महंत राम किशोर दास शास्त्री जी के सान्निध्य और मार्गदर्शन में संपूर्ण पाठ विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की विशेषता थी कि सुंदरकांड का पाठ संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
इस धार्मिक आयोजन में पोरसा सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। मुख्य रूप से रामनिवास उपाध्यक्ष, हरनाम सिंह चौहान, राम विनोद शुक्ला, रामदत्त गुप्ता, शिवप्रताप सिंह चौहान सहित सैकड़ों भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और श्रीरामचरितमानस के इस महत्त्वपूर्ण अंश का श्रवण कर पुण्य अर्जित किया।
सुंदरकांड पाठ के पश्चात भक्तों ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया और आरती में शामिल होकर पवनपुत्र हनुमान जी से विश्व में शांति, जन-जन की सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की।
इसके उपरांत सभी भक्तों को प्रसादी वितरित की गई और शुद्ध वातावरण में हवन का आयोजन किया गया। हवन में वेद मित्रों द्वारा विशेष वैदिक मंत्रों के साथ आहुतियाँ अर्पित की गईं, जिनमें विश्व में सुख-शांति और समाज के कल्याण की कामना प्रमुख रही।
यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का परिचायक था, बल्कि समाज को एकजुट कर धर्म और सेवा के पथ पर चलने की प्रेरणा भी प्रदान करता है। आयोजकों और मंदिर समिति द्वारा इस आयोजन को सफल बनाने हेतु सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया गया।