पोरसा: पत्रकार विनय की कलम से।
20 मार्च 2025 को रानी अवंतीबाई लोधी के बलिदान दिवस पर शिवम कॉलेज पोरसा में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वीरांगना के शौर्य, संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े कई सम्मानित अतिथि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम में भाग लिया और रानी अवंतीबाई के जीवन एवं संघर्षों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का संबोधन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक सतपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू थे, जिन्होंने रानी अवंतीबाई के साहस और बलिदान की सराहना करते हुए कहा, “रानी अवंतीबाई ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जो योगदान दिया, वह हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा। उनका बलिदान हमें यह सिखाता है कि देश के लिए आत्मोत्सर्ग और बलिदान सर्वोपरि हैं।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता की जिला पंचायत अध्यक्ष आरती गुर्जर ने, जिन्होंने रानी अवंतीबाई के संघर्ष को महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा, “रानी अवंतीबाई ने यह साबित किया कि महिलाएं किसी भी युद्ध या संघर्ष में पीछे नहीं रहतीं। उनका साहस और बलिदान हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।”
विशिष्ट अतिथि दिनेश शर्मा, राजकुमार व्यास, पातीराम लोधी (जिला अध्यक्ष लोधी समाज), बबलू सखवार, देशराज सिंह कुशवाहा, दशरथ सिंह (जिला पंचायत सदस्य), उदयवीर सिंह सिकरवार और रणवीर सिंह ने भी रानी अवंतीबाई के योगदान को सराहा और कहा कि उनका बलिदान हमेशा भारतीय इतिहास में अमर रहेगा।
रानी अवंतीबाई के जीवन और बलिदान को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान बृजेश राजपूत ने रानी अवंतीबाई के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रानी अवंतीबाई का जन्म लोधी समुदाय में हुआ था, और वह पहली स्वतंत्रता संग्राम की एक महान नायिका थीं। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपनी वीरता और साहस के लिए अमर हो गईं। उनके द्वारा किए गए संघर्ष ने न केवल अपने राज्य बल्कि सम्पूर्ण भारत को प्रेरणा दी।
रानी अवंतीबाई के संघर्ष की कहानी को इस कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया, जिसमें उनके नेतृत्व में हुए युद्धों, उनके योगदान और अंततः उनके बलिदान को बताया गया। आयोजकों ने उनके जीवन के प्रत्येक पहलू को साझा किया और यह सिखाया कि रानी अवंतीबाई की तरह समाज को अपना कर्तव्य निभाते हुए कार्य करना चाहिए।
शोभायात्रा: देशभक्ति का जोश
कार्यक्रम के बाद एक भव्य चल समारोह और शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें शिवम कॉलेज पोरसा से शुरू होकर मुख्य मार्ग होते हुए श्री साधू सिंह चौराहा, पचौरीपुरा तक निकली। शोभायात्रा में समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग भाग लिया, और साथ में देशभक्ति के नारे गूंजते रहे। शोभायात्रा में रानी अवंतीबाई की तस्वीरों और उनकी वीरता को दर्शाते हुए पोस्टर और बैनर लगाए गए थे। यह यात्रा पोरसा नगरवासियों के बीच एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार कर गई।
समाज सुधार और बच्चों के सम्मान की घोषणा
समारोह के समापन के बाद एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें समाज सुधार के कई प्रस्ताव पास किए गए। इस बैठक में समाज के भविष्य को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, और सामाजिक समानता प्रमुख थे।
इस बैठक में विशेष रूप से बच्चों के सम्मान की घोषणा की गई, जिसके तहत पोरसा क्षेत्र के उन बच्चों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने शिक्षा, खेल, और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह कदम बच्चों को प्रोत्साहित करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उठाया गया है।
समाज को एक नई दिशा: संगठित प्रयासों का संकल्प
कार्यक्रम में एकजुटता और समाज की प्रगति की दिशा में कई प्रस्तावों पर भी विचार किया गया। इस कार्यक्रम ने समाज के हर वर्ग को एकजुट करने, उनके बीच एक नई जागरूकता फैलाने और समाज सुधार के लिए एक साझा दृष्टिकोण स्थापित करने का कार्य किया। साथ ही, रानी अवंतीबाई की वीरता और संघर्ष से प्रेरणा लेकर समाज को एकजुट होकर आगे बढ़ने का संदेश दिया गया।
समाज के सभी सदस्यों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यह सुनिश्चित किया कि आने वाले समय में समाज की प्रगति और विकास के लिए एकजुट होकर कार्य किया जाएगा।
यह कार्यक्रम न केवल रानी अवंतीबाई के बलिदान को याद करने का अवसर था, बल्कि समाज को सुधारने, बच्चों को सम्मान देने और एक नई दिशा प्रदान करने का भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।